पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) को सऊदी अरब के पवित्र शहर मदीना के मस्जिद-ए-नबवी में विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी का सामना करना पड़ा था। इस मामले में पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ ईशनिंदा कानून के तहत केस दर्ज हुआ है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ पाकिस्तान के फैसलाबाद में केस दर्ज किया गया है। इमरान खान के खिलाफ ईशनिंदा कानून के तहत एफआईआर दर्ज हुआ है। उनपर मस्जिद-ए-नबवी (Masjid-e-Nabwi) की घटना में शामिल होने के आरोप लगाए गए हैं। दरअसल, मस्जिद-ए-नबवी में कुछ पाकिस्तानी तीर्थयात्रियों ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ चोर-चोर के नारे लगाए थे।
पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295, 295-ए, 296 और 109 के तहत केस दर्ज किया गया है। इसमें 'ईशनिंदा कानून' भी कहा जाता है। ये धाराएं किसी धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को नुकसान पहुंचाने, धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण इरादे से, धार्मिक सभा को परेशान करने और उकसाने से संबंधित हैं।
फैसलाबाद के एक आम नागरिक मुहम्मद नईम की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी में पीटीआई के प्रमुख नेताओं और सहयोगियों (फवाद चौधरी, शाहबाज गिल, कासिम सूरी, साहिबजादा जहांगीर, अनील मुसरत और शेख राशिद अहमद) के नाम हैं। प्राथमिकी में शेख राशिद के भतीजे शेख राशिद शफीक का भी नाम है।
सोची-समझी साजिश थी मस्जिद-ए-नबवी की घटना
शिकायतकर्ता के अनुसार मस्जिद-ए-नबवी की घटना को एक नियोजित और सोची-समझी योजना और साजिश के तहत अंजाम दिया गया था। उन्होंने कहा कि उनके दावों का समर्थन इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर साझा किए जा रहे वीडियो के साथ-साथ पीटीआई के कुछ नेताओं द्वारा दिए गए भाषणों से होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि इमरान खान, फवाद चौधरी, शेख राशिद, शाहबाज गिल और कासिम सूरी एक साजिश का हिस्सा थे, जिसके तहत पीटीआई के अन्य नेताओं ने पवित्र मस्जिद में हंगामा करने के लिए सऊदी अरब में प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जिसे बाद में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया गया।
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क्या है मामला?
बता दें कि पाकिस्तान के नवनियुक्त प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सऊदी अरब की यात्रा पर है। वह पवित्र शहर मदीना के मस्जिद-ए-नबवी अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ गए थे तभी पाकिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने चोर-चोर के नारे लगाने शुरू कर दिए। मदीना के मस्जिद में नमाज अदा करते समय प्रतिनिधिमंडल को विरोध और नारेबाजी का सामना करना पड़ा।
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