संयुक्त राष्ट्र में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत को दोस्त कहते ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) की जुबान लड़खड़ा गई। वह कुछ देर हकलाए फिर भारत को पड़ोसी देश कहते हुए अपनी बात जारी रखी।
संयुक्त राष्ट्र। दुनिया का कोई भी मंच हो पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारत के खिलाफ जहर उगलने से बाज नहीं आते। कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की बात आज दुनिया सुनने को तैयार नहीं है, इसके बाद भी पाकिस्तान के नेता हर फोरम पर कश्मीर का रोना रोए बिना नहीं रहते। पिछले दिनों महिला दिवस पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र के एक कार्यक्रम में भी ऐसा ही हुआ, लेकिन किसी ने पाकिस्तान की बातों पर ध्यान नहीं दिया।
इस संबंध में बिलावल भुट्टो ने संयुक्त राष्ट्र में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और बताया कि कैसे पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र के एजेंडा में कश्मीर मुद्दे को शामिल नहीं करा पा रहा है। उन्होंने भारत की मजबूत डिप्लोमेसी को इसके लिए जिम्मेदार बताया। इस दौरान वह भारत को दोस्त देश बोल गए। इसके बाद उनकी जुबान लड़खड़ा गई। वह मीडिया के सामने हकलाने लगे।
बिलावल ने भारत के लिए "पड़ोसी" शब्द कहने से पहले "हमारा मित्र" कह दिया। इसके बाद उनकी जुबान लड़खड़ा गई। बिलावल कश्मीर और फिलिस्तीन मुद्दे की समानता संबंधी सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, "जब भी कश्मीर का मुद्दा उठाया जाता है हमारे दोस्त... और...और... पड़ोसी देश कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हैं। वे एक पोस्ट-फैक्ट नैरेटिव की बात कहते हैं और दावा करने की कोशिश करते हैं कि यह विवाद संयुक्त राष्ट्र का मामला नहीं है। यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए मान्यता प्राप्त विवादित क्षेत्र नहीं है।"
पाकिस्तान नहीं उठा पा रहा कश्मीर मुद्दा
बिलावल भुट्टो ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान दुनिया में कश्मीर मुद्दा नहीं उठा पा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें कश्मीर मामले को संयुक्त राष्ट्र के एजेंडा के केंद्र में रखने के लिए कठिन काम करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के हर मंच पर जम्मू-कश्मीर मुद्दे को उठाता है, चाहे जिस विषय पर चर्चा की जा रही हो।
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भारत कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा मानता है। 5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से साफ कहा है कि अनुच्छेद 370 को खत्म करना आंतरिक मामला था। भारत ने पाकिस्तान को वास्तविकता को स्वीकार करने और भारत विरोधी प्रचार बंद करने की सलाह दी है।
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