सार
पाकिस्तान में नेशनल डे परेड 23 मार्च को होनी है लेकिन हालात को देखते हुए यह परेड पर प्रेसीडेंट हाउस के लॉन में आयोजित करने का फैसला किया गया है। पाकिस्तान सरकार ने इस सिर्फ सिंबॉलिक रखने का निर्णय लिया है।
Pakistan National Day. पाकिस्तान की सरकार ने यह तय किया है कि इस बार 23 मार्च को होने वाली नेशनल डे परेड केवल सिंबॉलिक होगा। इस परेड के लिए विदेशी मेहमान भी नहीं आएंगे और इसे प्रेसीडेंट हाउस के लॉन में आयोजित किया जाएगा। माना जा रहा है कि किसी फॉरेन गेस्ट को बुलावा भी नहीं भेजा गया है क्योंकि इस बार की नेशनल डे परेड धूमधाम से नहीं बल्कि खानापूर्ति की तरह संपन्न की जाएगी।
फिजूलखर्ची रोकने की कवायद
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने सरकारी फिजूलखर्ची पर रोक लगाने के लिए हाल-फिलहाल कई फैसले किए हैं। कैबिनेट के लोगों को सैलरी भी बंद कर दी गई है। इसके बाद उन्होंने नेशनल डे परेड पर होने वाले खर्च को भी रोकने का फैसला किया है। पीएम शाहबाज ने यह भी कहा था कि सरकार हर तरह से कड़े निर्णय लेकर इस साल करीब 200 अरब पाकिस्तानी करंसी बचाना चाहती है।
विदेशी मेहमान भी नहीं आएंग
पाकिस्तान में होने वाली नेशनल डे परेड भारत में होने वाल गणतंत्र दिवस परेड की तरह ही होता है। प्रति वर्ष इसका आयोजन 23 मार्च को इस्लामाबाद के सबसे बड़े मैदान में किया जाता है। इस कार्यक्रम में विदेशी मेहमानों को भी आमंत्रित किया जाता है लेकिन इस बार सरकार ने फैसला किया है कि किसी भी विदेशी मेहमान को नहीं बुलाया जाएगा। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि इस बार के नेशनल डे समारोह में सिर्फ प्रेसीडेंट आरिफ अल्वी, प्रधानमंत्री शाहबाद शरीफ, चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान उमर अता बंदियाल और आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ही शामिल होने वाले हैं।
इन 5 मुश्किलों में फंसा पाकिस्तान
- पाकिस्तान में परचेजिंग पावर 42 फीसदी कम हो चुकी है
- विदेशी मुद्रा का भंडार सिर्फ 2.79 अरब डॉलर ही बचा है
- पाकिस्तान में कई तरह की इंडस्ट्रीज पर ताला लग चुका है
- बाढ़ से पाकिस्तान की 80 फीसदी खेती बर्बाद हो चुकी है
- पाकिस्तान में फ्यूल इंपोर्ट की हालत बेहद खस्ता हो चुकी है
लॉन में होगा परेड का आयोजन
हर साल परेड के दौरान पाकिस्तान की सेना अपने हथियारों का प्रदर्शन करती रही है लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा क्योंकि यह परेड खुले मैदान में बल्कि प्रेसीडेंट हाउस के लॉन में आयोजित की जाएगी। इस बार के परेड में कोई झांकी भी नहीं निकाली जाएगी जबकि हर साल झांकिया आकर्षण का केंद्र होती थी।
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