सार
2016 के बाद दोनों मुल्क एक दूसरे के यहां दूतावास खोलने जा रहे हैं। चीन दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर रहा था। कई महीने से चीन की राजधानी बीजिंग के एक होटल में दोनों देशों के जिम्मेदारों की लगातार वार्ता चल रही थी।
Iran-Saudi Arab new ties: क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी ईरान और सऊदी अरब ने शुक्रवार को आपसी संबंधों को बहाल करने की सहमति जताई है। सात साल बाद दोनों देशों ने आपसी प्रतिद्वंद्विता को छोड़ते हुए राजनयिक मिशनों को फिर से शुरू करने पर राजी हुए हैं। 2016 के बाद दोनों मुल्क एक दूसरे के यहां दूतावास खोलने जा रहे हैं। चीन दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर रहा था। कई महीने से चीन की राजधानी बीजिंग के एक होटल में दोनों देशों के जिम्मेदारों की लगातार वार्ता चल रही थी। हालांकि, चीन और सऊदी अरब ने अब तक इस बारे में ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी नहीं किया है।
2016 से दोनों देशों में तल्खियां बढ़ी, सारे संबंध खत्म
ईरान और सऊदी अरब के बीच 2016 के बाद से टकराहट तेज हो गई। ईरान एक शिया बहुल देश है जबकि सऊदी अरब सुन्नी मुस्लिमों की बहुलता वाला है। 2016 में सऊदी अरब ने एक शिया धर्मगुरू को सजा-ए-मौत दी थी। इसके बाद तेहरान में मौजूद सऊदी एम्बेसी पर ईरानियों ने हमला बोल दिया था। इस घटना के बाद दोनों देशों के रिश्ते पूरी तरह खत्म हो गए थे। एम्बेसीज भी बंद हो गईं थीं। शिया-बहुसंख्यक ईरान और सुन्नी मुस्लिम सऊदी अरब मध्य पूर्व के कई संघर्ष क्षेत्रों में प्रतिद्वंद्वी पक्षों का समर्थन करते हैं, जिसमें यमन भी शामिल है, जहां हूथी विद्रोहियों को तेहरान का समर्थन प्राप्त है, और रियाद सरकार का समर्थन करने वाले एक सैन्य गठबंधन का नेतृत्व करता है।
एग्रीमेंट पर हुआ सिग्नेचर लेकिन चीन और सऊदी दोनों चुप
ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी IRNA के मुताबिक ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के चीफ अली शामखानी की बीजिंग में सऊदी अरब के मोसेद बिन मोहम्मद अल एबान से मुलाकात हुई। इस दौरान एग्रीमेंट पर सिग्नेचर किए गए। तय हुआ है कि इस्लामिक गणराज्य ईरान और सऊदी अरब के साम्राज्य ने दो महीने के भीतर राजनयिक संबंधों को फिर से शुरू करने और दूतावासों और मिशनों को फिर से खोलेंगे। आईआरएनए ने कहा कि ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली शामखानी ने सोमवार को तेहरान और रियाद के बीच की समस्याओं को हल करने के लिए चीन में अपने सऊदी समकक्ष के साथ गहन बातचीत के लिए बीजिंग की यात्रा की थी। इसके पहले दोनों देशों के पड़ोसी इराक ने अप्रैल 2021 से ईरान और सऊदी अरब के बीच कई दौर की वार्ता की मेजबानी की थी।
यह भी पढ़ें: