पाकिस्तान में बनी हलिया नई सरकार ने एक ऐसा प्रस्ताव पेश किया है, जिसके चलते शायद मुल्क में चलने वाले नोटों से मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर गायब हो सकती है।
पाकिस्तान न्यूज। पाकिस्तान में बनी हलिया नई सरकार ने एक ऐसा प्रस्ताव पेश किया है, जिसके चलते शायद मुल्क में चलने वाले नोटों से मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर गायब हो सकती है। हाल ही में पाकिस्तान के ARY न्यूज ने बताया कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) ने रविवार को एक प्रस्ताव अपनाया है। उन्होंने संघीय सरकार से पार्टी के संस्थापक जुल्फिकार अली भुट्टो को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक नायक घोषित करने और मुद्रा नोटों पर उनकी छवि प्रदर्शित करने की मांग की है। PPP के तरफ से ये प्रस्ताव Bhutto Reference and History नामक एक सेमिनार के दौरान पारित किया गया। इसमें जुल्फिकार अली भुट्टो के बारे में चर्चा की गई।
PPP ने कहा कि जुल्फिकार अली भुट्टो के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके फांसी दी गई, जो गलत था। हम गुजारिश करते हैं कि सरकार उन्हें कायद-ए-अवाम की उपाधि दें और सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान के पुरस्कार से सम्मानित करें। ARY की रिपोर्ट की मानें तो PPP ने करेंसी नोटों पर भुट्टो की तस्वीरों को भी जगह देने की मांग की है। बता दें कि पाकिस्तान के कई बड़े नोटों में इस वक्त मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर छपी हुई है। वहीं पार्टी ने भुट्टो के सम्मान में उनके मकबरे को राष्ट्रीय तीर्थ स्थल घोषित करने का भी आह्वान किया।
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जुल्फिकार अली भुट्टो को कब मिली फांसी?
जुल्फिकार अली भुट्टो को पूर्व सैन्य शासक जनरल जियाउल हक के शासनकाल के दौरान मौत की सजा दी गई थी। देश के पहले निर्वाचित प्रधानमंत्री पर एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नवाब मोहम्मद अहमद कासुरी की हत्या का आरोप लगाया गया और मुकदमा चलाया गया। कई राष्ट्राध्यक्षों की याचिकाओं और क्षमादान की अपीलों के बीच, भुट्टो को 4 अप्रैल, 1979 को फांसी दे दी गई।
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