खतरे में पाकिस्तानी पीएम इमरान खान की कुर्सी, अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 25 मार्च को स्पीकर ने बुलाया सत्र

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की कुर्सी खतरे में पड़ी है। पाकिस्तान के नेशनल असेंबली के स्पीकर ने 25 मार्च को सदन का सत्र बुलाया है। इस सत्र में इमरान को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ेगा।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की कुर्सी खतरे में पड़ी है। विपक्षी दल उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं। विपक्ष का दावा है कि उनके पास जरूरी संख्या बल है। पाकिस्तान के नेशनल असेंबली के स्पीकर ने 25 मार्च को सदन का सत्र बुलाया है। इस सत्र में इमरान को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ेगा।

पाकिस्तान के नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर ने रविवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 25 मार्च को सदन का सत्र बुलाने की घोषणा की। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के लगभग 100 सांसदों ने 8 मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि इमरान खान की सरकार देश में आर्थिक संकट और बढ़ती मुद्रास्फीति के लिए जिम्मेदार है।

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विपक्ष ने कानूनी आवश्यकताओं के अनुसार 21 मार्च तक सत्र बुलाने की मांग की थी। पाकिस्तान के नेशनल असेंबली के सचिवालय ने रविवार को एक अधिसूचना जारी कर 25 मार्च को सत्र बुलाने की जानकारी दी। अधिसूचना के अनुसार सत्र शुक्रवार को सुबह 11 बजे बुलाया जाएगा और मौजूदा नेशनल असेंबली का 41वां सत्र होगा।

OIC के शिखर सम्मेलन के चलते सत्र बुलाने में हुई देर
बता दें कि विपक्ष की मांग थी कि अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने के 14 दिनों के भीतर सत्र बुलाया जाना चाहिए। वहीं, आंतरिक मंत्री शेख रशिद ने कहा था कि असाधारण परिस्थितियों के कारण इसमें देरी हो सकती है। इस मामले में देरी 22 मार्च से संसद भवन में शुरू हो रहे इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के हाई-प्रोफाइल 48वें शिखर सम्मेलन के कारण हुई है। शुरू में विपक्ष ने समय पर सत्र नहीं बुलाने पर सदन में धरना देने की धमकी दी थी। हालांकि, संयुक्त विपक्ष ने इस बात पर जोर देते हुए अपने रुख को नरम किया कि पाकिस्तान की राजनीतिक उथल-पुथल को किसी भी तरह से इस आयोजन को प्रभावित नहीं करने दिया जाएगा।

निचला सदन 25 मार्च को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर विचार करेगा। पाकिस्तान के संविधान के अनुसार एक बार जब प्रस्ताव औपचारिक रूप से सदन द्वारा ले लिया जाता है तो मतदान तीन से सात दिनों के बीच किया जाना चाहिए। इमरान खान गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। अगर कुछ सहयोगी दल विपक्ष का साथ देते हैं तो उनकी कुर्सी चली जाएगी। 

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इमरान को सरकार बचाने के लिए चाहिए 172 वोट
पाकिस्तान के नेशनल असेंबली में सदस्यों की संख्या 342 है। इमरान खान को हटाने के लिए विपक्ष को 172 वोटों की जरूरत है। पीटीआई के सदन में 155 सदस्य हैं। सरकार में बने रहने के लिए उसे कम से कम 172 सांसदों की जरूरत है। पार्टी को कम से कम छह राजनीतिक दलों के 23 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। सत्तारूढ़ दल के लगभग दो दर्जन असंतुष्ट सदस्य हाल ही में प्रधानमंत्री खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले खुलकर सामने आए हैं। इसके चलते सरकार ने विपक्षी दलों पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है। 

शनिवार को सत्तारूढ़ दल ने अपने असंतुष्ट सांसदों को कथित दल बदल के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया और उनसे 26 मार्च तक स्पष्टीकरण मांगा कि क्यों उन्हें दलबदलू घोषित नहीं किया जा सकता है और नेशनल असेंबली के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया जा सकता है।

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