
इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद संवैधानिक संकट तो गहराया ही था अब आर्थिक मोर्चे पर भी परेशानी मुंह बाए खड़ी दिख रही है। आईएमएफ (IMF) ने पाकिस्तान को दी जाने वाली फंडिंग को राजनीतिक अस्थिरता खत्म होने तक रोक दिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) द्वारा फंड रोके जाने से पाकिस्तान को आर्थिक मोर्चे पर कई प्रकार की दुश्वारियों का सामना करना पड़ सकता है।
छह बिलियन अमेरिकी डॉलर का फंड रोका
इस्लामाबाद में आईएमएफ के रेजीडेंट रिप्रेजेंटेटिव एस्तेर पेरेज़ रुइज़ (Esther Perez Ruiz) ने कहा कि नई सरकार बनने के बाद फंड जारी होगा। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के लिए 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर, एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) के फंड में गतिरोध आ गया है। आईएमएफ के फंड रोके जाने से बीते दिनों प्रधान मंत्री इमरान खान द्वारा घोषित टैक्स माफी योजना और ऊर्जा की कीमतों में कटौती से जुड़ी योजना को भी झटका लगा है।
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पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता के बाद आईएमएफ का झटका
आइएमएफ ने पाकिस्तान को यह झटका तब दिया जब देश आर्थिक व राजनीतिक परेशानियों से गुजर रहा है। पाकिस्तान में बीते दिनों इमरान खान की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। लेकिन अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के पहले ही प्रधानमंत्री इमरान खान ने नेशनल असेंबली भंग करने की सिफारिश कर दी। हालांकि, विपक्ष ने राष्ट्रपति के नेशल असेंबली भंग करने के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी। इस चुनौती के बाद मामला कोर्ट के अधीन होने के साथ पूरे देश में संवैधानिक संकट भी उत्पन्न हो गया है। देश में कोई कार्यवाहक प्रधानमंत्री भी वर्तमान में नहीं है।
पाकिस्तान में संवैधानिक संकट उत्पन्न होने के बाद आईएफएफ ने फंड रोके जाने का ऐलान कर दिया। आईएमएफ के एस्तेर पेरेज़ रुइज़ ने कहा, "हम पाकिस्तान को अपना समर्थन जारी रखने के लिए तत्पर है और एक नई सरकार बनने के बाद फंड जारी करेंगे। हम व्यापक आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए नीतियों यह कार्रवाई कर रहे हैं।
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