पाकिस्तान में राजनीतिक अराजकता का बड़ा मामला सामने आया है। पंजाब के राज्यपाल ने पीएम शहबाज शरीफ के बेटे हमजा पर जबरिया सीएम पद पर आसीन होने का आरोप लगाया है। एक संवाददाता सम्मेलन में हमजा को पंजाब का फेक मुख्यमंत्री बता दिया।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में राजनीतिक अराजकता चरम पर है। बदहााल अर्थव्यवस्था के बीच राजनीतिक उठापटक से गुजरे पाकिस्ताान में नई सरकार बनते ही राजनीतिक अराजकता भी शुरू हो चुकी है। पंजाब में पीएम शहबाज शरीफ के बेटे हमजा शहबाज को मुख्यमंत्री बनाने के लिए राज्यपाल के आवास को ही कब्जा करने का आरोप है। राज्यपाल ओमर चीमा ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बेटे हमजा शहबाज को 'फर्जी मुख्यमंत्री' बताया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके सरकारी आवास को कब्जा कर लिया गया था।
राज्यपाल का दावा, हमजा का शपथ ग्रहण ही अवैध
पंजाब के राज्यपाल चीमा ने लाहौर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अपने आवास को शपथ ग्रहण के दौरान कब्जा किए जाने और जबरिया शपथ लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि "उस्मान बुजदार के इस्तीफे को अस्वीकार करने के बाद हमजा शहबाज का शपथ ग्रहण अवैध था।"
...इसलिए स्वीकार नहीं किया बुजदार का इस्तीफा
चीमा ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता और पूर्व सीएम बुजदार का इस्तीफा पूर्व राज्यपाल द्वारा स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि यह राज्यपाल के बजाय प्रधान मंत्री को संबोधित किया गया था। उधर, पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान की सरकार को हटाने के कुछ ही दिनों बाद 16 अप्रैल को हमजा शाहबाज को 197 मतों के साथ नया मुख्यमंत्री चुना गया था।
राज्यपाल ने स्थगित कर दिया था शपथ ग्रहण समारोह
एक दिन बाद वह शपथ लेने वाले थे, लेकिन पंजाब के राज्यपाल उमर सरफराज चीमा ने शपथ ग्रहण समारोह को स्थगित कर दिया क्योंकि उन्होंने विधानसभा में हुए हंगामे के कारण अपने चुनाव को विवादास्पद बताया था।
इस बीच, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर पंजाब के राज्यपाल को हटाने के लिए राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी को रिपोर्ट के अनुसार समरी भेजी है। कानून के अनुसार, निष्कासन की समरी भेजे जाने के 10 दिन बाद पंजाब सरकार बर्खास्त मानी जाएगी, जिसके बाद प्रीमियर राष्ट्रपति को नए राज्यपाल की नियुक्ति के लिए सलाह भेजेगा। वर्तमान में, पंजाब के राज्यपाल उमर सरफराज चीमा के पास 10 दिन शेष हैं और यह समय अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें पद से हटा दिया जाएगा।
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