कितना बेशर्म है पाकिस्तान, अब अमेरिका में हुआ बेइज्जत

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों पाकिस्तान दौरे पर हैं। लेकिन वहां ना तो एयरपोर्ट पर उन्हें रिसीव करने कोई बड़ा अधिकारी आया ना ही उन्हें लोगों ने सम्मान दिया। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 22, 2019 7:31 AM IST / Updated: Jul 22 2019, 02:14 PM IST

अमेरिका: कुलभूषण मामले में पाकिस्तान की पूरी दुनिया में जमकर फजीहत हुई। लेकिन पाकिस्तान ने इसे अपनी जीत बताया। फिलहाल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिका दौरे पर हैं। लेकिन वहां भी उन्हें फजीहत का ही सामना करना पड़ रहा है। 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 3 दिन दिवसीय अमेरिका अमेरिका दौरे पर हैं. इस दौरे में वो आंतक, अफगानिस्तान  में शांति और भारत के साथ रिश्तों पर चर्चा करेंगे लेकिन लगता है अमेरिका उनके इस दौरे को महत्वपूर्ण नहीं मान रहा है। दरअसल, इमरान खान पाकिस्तान में चल रहे आर्थिक मुश्किलों के कारण इस दौरे को काफी सस्ता बनाने में जुटे हैं। इस कारण उन्होंने कमर्शियल फ्लाइट से ही अमेरिका जाने का फैसला किया। लेकिन उनके स्वागत के लिए वहां कोई भी बड़ा अधिकारी नहीं पहुंचा।  

इतना ही नहीं, पाकिस्तानी पीएम को लेने अमेरिकी सरकार की कोई गाड़ी भी नहीं आई। जिस कारण उन्हें मेट्रो से जाना पड़ा। वहीं रविवार को जब इमरान ने ऑडिटोरियम में भाषण देना शुरू किया तो कई बलूचिस्तान समर्थकों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की। इमरान का भाषण सुनने ऑडिटोरियम में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी और बलूचिस्तानी नागरिक पहुंचे थे। बलूचिस्तानियों का मानना है कि पाकिस्तानी सेना बलूचिस्तान पर अत्याचार करते हुए मानव अधिकारों का उल्लंघन कर रही है। 

हंगामे के बाद कई लोगों को ऑडिटोरियम से निकाल दिया गया, जिसके बाद इमरान खान ने अपना भाषण पूरा किया। 

इमरान खान की अमेरिका यात्रा का ट्विटर पर काफी मजाक उड़ाया जा रहा है। हालांकि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पाक पीएम का बचाव करते हुए ट्वीट किया कि 'उन्होंने अपने देश का पैसा बचाया। इस मामले में उन्होंने किसी तरह का अहं नहीं दिखाया जैसा कि अधिकतर नेता दिखाते हैं। एक बार फिर मुझे याद दिलाएं कि यह कैसे गलत है। इस सबसे अमेरिकी सरकार की छवि खराब होती है, इमरान खान की नहीं।' 

आज इमरान खान की मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से होनी है। इसमें दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार और कर्ज जैसे कई अहम मुद्दों पर बात होगी। वहीं अफगानिस्तान में तालिबान की भूमिका पर भी चर्चा काफी अहम होगी। 
 

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