पाकिस्तान की इकोनॉमी(Pakistan Economy) में ऐतहासिक गिरावट आई है। पाकिस्तानी रुपया अब तक इतिहास में सबसे नीचे गिरा है। पाकिस्तान की करेंसी (Pakistanirupee) अगस्त 2018 में USD(अमेरिकन डॉलर) के मुकाबले 123 रुपये से गिरकर दिसंबर 2021 में USD के मुकाबले 177 रुपये हो गई है।
इस्लामाबाद. पाकिस्तान की इकोनॉमी(Pakistan Economy) में ऐतहासिक गिरावट आई है। पाकिस्तानी रुपया अब तक इतिहास में सबसे नीचे गिरा है। पाकिस्तान की करेंसी (Pakistanirupee) अगस्त 2018 में USD(अमेरिकन डॉलर) के मुकाबले 123 रुपये से गिरकर दिसंबर 2021 में USD के मुकाबले 177 रुपये हो गई है। यह देश के इतिहास में मुद्रा के उच्चतम अवमूल्यन(highest devaluations) यानी गिरावट में एक है। बता दें कि इमरान खान के प्रधानमंत्रीकाल में पाकिस्तान सबसे बड़ी आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है। बढ़ती महंगाई दर, ख़ाली होता विदेशी मुद्रा भंडार, चालू खाते घाटे का बढ़ता दबाव और पाकिस्तानी मुद्रा रुपए की पतली हालत से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमा गई है।
IMF आया मदद को आगे
अलजजीरा(Al Jazeera English) की रिपोर्ट के अनुसार,अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (The International Monetary Fund-IMF) ने सोमवार को कहा कि वह बढ़ती आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे दक्षिण एशियाई देश के लिए रुके हुए 6 अरब डॉलर के वित्त पोषण कार्यक्रम(funding programme ) को पुनर्जीवित करने के लिए आवश्यक उपायों पर पाकिस्तान के साथ सहमत है। IMF ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तानी अधिकारी और IMF कर्मचारी छठी समीक्षा को पूरा करने के लिए आवश्यक नीतियों और सुधारों पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं। पैकेज के नियमों और शर्तों में ढील देने के लिए पाकिस्तान कई महीनों से IMF के साथ बातचीत कर रहा था। बयान में कहा गया है कि इस साल की शुरुआत से लंबित समीक्षा के पूरा होने से IMF के विशेष आहरण अधिकारों(special drawing rights) में 750 मिलियन या लगभग 1 बिलियन डॉलर उपलब्ध होंगे, जिससे अब तक का कुल संवितरण(disbursements) लगभग 3 बिलियन डॉलर हो जाएगा।
सऊदी अरब ने दिया कर्ज
इसी शनिवार यानी 5 दिसंबर को सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर का कर्ज दिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के वित्तीय सलाहकार शौकत तरीन ने एक बयान में कहा कि यह कर्ज सऊदी से मिलने वाले आर्थिक पैकेज का हिस्सा है। बता दें कि इमरान खान लगातार विश्व बैंक और इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड से कर्ज लेते जा रहे हैं। 31 दिसंबर, 2020 तक के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान पर कुल 115.756 अरब डॉलर का कर्ज था।
70 साल में सबसे ज्यादा महंगाई
पाकिस्तान में 70 सालों में सबसे अधिक महंगाई है। यानी 1947 में भारत से अलग होने के बाद ऐसा पहला मौका है, जब पाकिस्तान की हालत बेहद खराब है। पिछले तीन सालों में दूध की कीमतें 32 प्रतिशत बढ़कर 112 रुपए प्रति लीटर हो गई हैं। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यहां खाने की करीब सभी चीजें दोगुनी महंगी हो गई हैं। चाहे वो तेल हो, आटा हो या चिकन आदि। पाकिस्तानी मीडिया जियो न्यूज के अनुसार, पाकिस्तानी करेंसी लगातार नीचे गिर रही है। पाकिस्तान के फेडरल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (FBS) के अनुसार, अक्टूबर 2018 से अक्टूबर 2021 तक बिजली की दरें 57 फीसदी बढ़कर 4.06 रुपये प्रति यूनिट से बढ़कर 6.38 रुपये प्रति यूनिट हो गई हैं। पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो(Pakistan Statistics Bureau) के अनुसार, देश की मुद्रास्फीति(inflation) दर 9.2% से बढ़कर 11.5% हो गई है। पाकिस्तान ने पिछले साल फरवरी में अपनी उच्चतम मुद्रास्फीति 12.4 प्रतिशत दर्ज की थी।
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