
काबुल. पहली तस्वीर कनाडा के मिसिसॉगा सेलिब्रेशन स्क्वायर (Mississauga Celebration Square) की है, जहां अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे (Taliban in Afghanistan) के खिलाफ प्रदर्शन हुआ। ऐसे प्रदर्शन कई देशों में हो रहे हैं। वहीं, अफगानिस्तान में पंजशेर घाटी से निकली तालिबान के विरुद्ध चिंगारी अब पूरे देश में भड़कती जा रही है। 19 अगस्त को अफगानिस्तान का स्वतंत्रता दिवस था। इस मौके पर देशभर में लोग तालिबान के विरोध में प्रदर्शन करने निकल पड़े। यह सिलसिला लगातार जारी है। गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट पर सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया।
यह वीडियो तालिबान के खिलाफ रैली निकाल रहे लोगों का है। इसे twitter पर शेयर करते हुए लिखा गया कि तालिबान को न केवल अंतरराष्ट्रीय समुदाय बल्कि अफगान समाज का भी दबाव झेलना पड़ेगा, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं, जो अपने अधिकारों के लिए खड़ी होंगी! अगर 20 साल में तालिबान बदल गया है, तो अफगान भी बदल गया है।
पंजशेर में इकट्ठा हो रहे तालिबान विरोधी
पंजशीर (Panjshir Valley) घाटी पर तालिबान अभी भी कब्जा नहीं कर सका है। यहां पंजशील या पंजशेर के टॉप लीडर रहे अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद अफगानी सैनिकों और मुजाहिदीन को तालिबान के खिलाफ इकट्टठा कर रहे हैं।
तालिबान की टेंशन बढ़ी
अपने खिलाफ लगातार बढ़ते विरोध के कारण तालिबान की चिंता बढ़ती जा रही है। उसने आंदोलनों को खत्म कराने अफगानिस्तान के इमामों से अपील की है कि वे लोगों को समझाएं। तालिबान ने दो दिन पहले जलालाबाद में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां चलाई थीं। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद आंदोलन खत्म होने के बजाय तेज होता जा रहा है।
अफगानिस्तान छोड़ रहे विदेशी
अफगानिस्तान की मौजूदा हालत बेहद खराब है। भले ही तालिबान ने भरोसा दिलाया है कि वो किसी भी देश के दूतावास पर हमला नहीं करेगा, बावजूद विदेश अब इस देश में रुकना नहीं चाहते। अमेरिका ने बीते दिन काबुल एयरपोर्ट से 16 उड़ानों के जरिये अपने और अफगानियों सहित 3000 लोगों को निकाला है। अमेरिकियों 14 अगस्त से अब तक 9000 लोगों को एयरलिफ्ट कर चुका है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से बात करके अफगानिस्तान से अपने लोगों को निकाले जाने तक बराबर सहयोग बनाए रखने पर सहमति बनाई।
यह वीडियो तालिबान की क्रूरता को दिखाता है। अफगानिस्तान छोड़ने के लिए हवाई अड्डे के आसपास जमा हुए लोगों को बेरहमी से तितर-बितर करते तालिबानी लड़ाके।
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