
Russia China Relation. इजराइल-हमास युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति ने इजराइल के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्वात पेश किया, जिसे खारिज कर दिया गया है। वहीं अमेरिकी राजदूत ने रूस द्वारा हमास के हमले की निंदा न करने पर घेरा। बाद में पुतिन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सिर्फ पश्चिमी देशों की कठपुतली बन गया है। प्रस्ताव खारिज होने के बाद रूसी राष्ट्रपति अब चीन के प्रेसीडेंट शी जिनपिंग से मिलने के लिए चीन का दौरा कर रहे हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पहला दौरा
यूक्रेन से युद्ध शुरू करने के बाद पहली बार रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन किसी दूसरे देश की यात्रा कर रहे हैं। वे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करने के लिए चाइना पहुंच चुके हैं। दोनों राष्ट्रपतियों की मुलाकात मंगलवार को हो सकती है। यह मुलाकात इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इजराइल और हमास के बीच भी युद्ध जारी है। चीन ने इस सप्ताह 130 देशों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है। यह चीन के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव फोरम की तरफ से आयोजित कार्यक्रम है, जिससे चीन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फायदा मिलेगा।
चीन-रूस के संबंध
यूक्रेन पर हमला करने के बाद दुनिया भर के देशों के निशाने पर आए रूस को हमेशा चीन से सपोर्ट मिलता है। यही वजह है चीन के साथ संबंधों को और मजबूत करने के लिए रूसी राष्ट्रपति यह दौरा कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इस दौरे के बीच दोनों देश मिलकर कोई बड़ी घोषणा भी कर सकते हैं। चीन, मॉस्को के सपोर्ट में और मजबूती के साथ सामने आ सकता है। रूस इस बात को जानता है कि चीन किसी बड़े पब्लिसिटी डील के पक्ष में नहीं रहता है। चीन हमेशा से सारे पत्ते छिपाकर रखता है। क्रेमलिन ने बयान जारी किया है कि दोनों नेताओं की मुलाकात बुधवार को हो सकती है और इस दौरान बीआरआई फोरम को लेकर चर्चा की जाएगी।
इजराइल-हमास युद्ध जारी
चीन और रूस के राष्ट्रपतियों की मुलाकात ऐसे वक्त में हो रही है, जब पूरी दुनिया इजराइल-हमास युद्ध की चर्चा कर रही है। गाजा पर इजराइली हमला जारी है। इसकी शुरूआत हमास ने की थी और रॉकेट हमला करके करीब 1400 इजराइली लोगों को मारा जा चुका है। वहीं, इजराइल के पलटवार से करीब 3000 हमास आतंकी और फिलीस्तीनी नागरिका मारे गए हैं।
चीन के विदेश मंत्री ने क्या दिया बयान
इजराइल हमास युद्ध को लेकर चीनी विदेश मंत्री ने बयान दिया था कि इजराइल की आत्मरक्षा की सीमा पार हो चुकी है। चीन के विदेश मंत्री ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से बात की थी। चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि मिडिल ईस्ट में शांति के लिए अमेरिका को अपने संपर्कों का उपयोग करना चाहिए। चीन का ईरान के साथ ही बहुत ही अच्छा संबंध है।
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