क्या अमेरिकी सैन्य मदद बिना यूक्रेन को रूस से बचा सकता है यूरोप, क्या होगा आगे?

Published : Mar 01, 2025, 02:48 PM IST
India role in relation to russia ukraine war

सार

अमेरिका और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ने से यूक्रेन को अमेरिकी सैन्य मदद मिलने की उम्मीद कम है। यूरोप मदद को तैयार है, लेकिन क्या अमेरिकी मदद के बिना यूरोप रूस का सामना कर पाएगा?

Russia Ukraine War: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच शुक्रवार को जिस तरह बहस हुई यह साफ हो गया है कि यूक्रेन को अमेरिकी सैन्य मदद जारी रहने की उम्मीद बेहद कम है।

ट्रंप ने जेलेंस्की से साफ कहा कि अमेरिकी सैन्य मदद नहीं मिलती तो रूस की सेना दो सप्ताह में यूक्रेन पर कब्जा कर लेती। यूरोप अभी भी यूक्रेन की सैन्य मदद के लिए तैयार है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या अमेरिकी सैन्य मदद के बिना यूरोप के लिए ऐसा कर पाना संभव है।

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज के अनुसार PPP (Purchasing power parity) के मामले में रूस का सैन्य खर्च यूरोप के कुल रक्षा खर्च से अधिक है। इसमें 41% की वृद्धि हुई है। यह रूस के GDP (सकल घरेलू उत्पाद) के 6.7% के बराबर है।

यूक्रेन में अमेरिकी सैनिक नहीं भेजना चाहते ट्रंप

यूक्रेन को रूस से लड़ने के लिए सैनिकों की जरूरत है। उसके सैनिक कम पड़ रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह यूक्रेन में युद्ध विराम की निगरानी के लिए अमेरिकी सैनिकों को जमीन पर उतारने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। अमेरिका की कोई भी उपस्थिति आर्थिक होगी। उसकी नजर यूक्रेन के खनिज भंडारों पर है।

रूस-यूक्रेन युद्ध विराम की निगरानी के लिए चाहिए 2 लाख सैनिक

शीत युद्ध खत्म होने के बाद यूरोप के देशों ने अपनी सेना में कटौती की। यूरोप में यह प्रवृत्ति धीरे-धीरे उलट रही है। देशों ने रक्षा खर्च बढ़ाया है। एक्सपर्ट्स के अनुसार रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध विराम होता है तो इसकी निगरानी के लिए करीब 2 लाख अंतरराष्ट्रीय सैनिकों की जरूरत होगी। यूरोप इतने अधिक सैनिकों को उपलब्ध कराने की स्थिति में नहीं है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की का सुझाव है कि रूस को दोबारा हमला करने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सैनिकों की जरूरत होगी।

यह भी पढ़ें- 'Third World War से जुआ खेल रहे हो तुम', Zelenski-डोनाल्ड ट्रंप में जोरदार बहस की एक एक बात

यूरोप के देश 30,000 सैनिकों तक की सेना भेजने के बारे में सोच रहे हैं। यूरोपीय लड़ाकू विमान और युद्धपोत यूक्रेन के हवाई क्षेत्र और शिपिंग लेन की निगरानी में मदद करेंगे। सैनिकों को यूक्रेन के शहरों, बंदरगाहों और परमाणु ऊर्जा स्टेशनों जैसे प्रमुख स्थानों पर तैनात किया जा सकता है। यह पर्याप्त नहीं होगा। अमेरिका की सैन्य मदद के बिना यूरोप के लिए यूक्रेन को रूस से बचाना बड़ी चुनौती होगी।

यह भी पढ़ें- यूक्रेन को भेजी गई अमेरिकी मदद की होंगी जांच, एलन मस्क ने दिए संकेत

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

US-India ट्रेड में भूचाल? भारत पर नए ट्रैफिक की तैयारी में डोनाल्ड ट्रंप-आखिर क्यों?
Japan Earthquake: 7.6 तीव्रता के भूकंप के बाद सुनामी का अलर्ट, 10 फीट ऊंची लहरें उठने की आशंका