रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia Ukraine War) के दौरान ऐसी अनगिनत तस्वीरें सामने आ रही हैं, जो दिल को झकझोर रही हैं। इन शॉकिंग और दिल तोड़ने वालीं(shocking and heart breaking) तस्वीरें में कई फर्जी(Fake) भी हैं। यह तस्वीर भी फेक है, जिसमें कहा गया कि रूस ने एक अस्पताल में बम बरसाए, जहां से गर्भवती महिलाओं को जान बचाकर भागना पड़ा। जानिए क्या है इसके पीछे की सच्चाई...
वर्ल्ड न्यूज डेस्क. रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia Ukraine War) के दौरान ऐसी अनगिनत तस्वीरें सामने आ रही हैं, जो दिल को झकझोर रही हैं। इन शॉकिंग और दिल तोड़ने वालीं(shocking and heart breaking) तस्वीरें में कई फर्जी(Fake) भी हैं। यह तस्वीर भी फेक है, जिसमें कहा गया कि रूस ने एक अस्पताल में बम बरसाए, जहां से गर्भवती महिलाओं को जान बचाकर भागना पड़ा। सोशल मीडिया पर यह फोटो वायरल करके कहा गया कि यूक्रेन के मारियुपोल(Mariupol) शहर के एक अस्पताल पर रूसी हमले के बाद वहां भर्ती गर्भवती महिलाएं घायल हो गईं और उन्हें वहां से भागना पड़ा।
Fake picture of Russia-Ukraine war: इस तस्वीर के जरिये रूस पर लगाए गए थे इल्जाम
इस तस्वीर में लिखा गया था कि मारियुपोल के एक प्रसूति अस्पताल(maternity hospital) पर रूसी सेना ने हमला किया। लेकिन बाद में रूस की पड़ताल में सामने आया कि यह महिला एक ब्यूटी ब्लॉगर(beauty blogger) है, जिसने यह स्वांग रचा था। यानी नकली चोटें और घाव बनाए थे। आरोप लगाया कि क्रेमलिन ने मां और उनके बच्चों पर हमले की कोशिश की। क्रेमलिन(आजकल इस नाम का प्रयोग प्रमुख रूप से मास्को स्थित दुर्ग के लिए होता है) ने इसे झूठ करार देते हुए निंदा की। गुरुवार को क्रेमलिन की ओर से जारी एक बयान में साफ कहा गया कि रूसी सेना ने अस्पताल पर कोई बमबारी नहीं की। दरअसल, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जे़लेंस्की ने बुधवार को कहा था कि इस अस्पताल में हुए विस्फोट में एक बच्चे सहित 3 लोगों की मौत हुई है। यूक्रेन ने इसे युद्ध अपराध(war crime) कहा था। इसके बाद क्रेमलिन ने इस मामले की जांच कराने की बात कही थी।
अति-कट्टरपंथियों के कब्जे में थी बिल्डिंग
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव(Sergey Lavrov) ने एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह अस्पताल अति-कट्टरपंथी(extremists) यूक्रेनी बलों के कब्जे में था। इसे डॉक्टरों और मरीजों से पहले ही खाली कराया जा चुका था। वहीं विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा(Maria Zakharova) ने बुधवार को दावा किया था कि यूक्रेन अमेरिकी मदद से सीमा के पास प्रयोगशालाओं में जैव हथियार विकसित कर रहा था, जिसके बाद पुतिन को हमला शुरू करने के लिए 'मजबूर' किया गया। हालांकि वाशिंगटन ने इसे झूठ कहकर खारिज कर दिया है। बल्कि उठा आरोप लगाया कि यूक्रेन को बर्बाद करने रूस रासायनिक या जैविक हथियार(chemical or biological attack ) का इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है।
16 दिन हुए युद्ध को
बता दें कि 11 मार्च को युद्ध का 16वां दिन है। इस भीषण लड़ाई का असर दुनियाभर पर दिखाई देगा। संयुक्त राष्ट्र(UN officials) के अधिकारियों के अनुसार, यूक्रेन के भीतर अनुमानित 1.9 मिलियन लोग विस्थापित हुए हैं, जो रूस के आक्रमण के बाद देश छोड़कर भाग गए 2.3 मिलियन से अधिक हैं। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक(Stephane Dujarric) ने गुरुवार को कहा कि आंतरिक रूप से विस्थापित अधिकांश लोग पश्चिम की ओर लल्विव( Lviv) की ओर बढ़ रहे हैं। मानवीय स्थिति खतरनाक गति से बिगड़ती जा रही है।