UNGA में रूस के खिलाफ प्रस्ताव पास, समर्थन में 141 वोट पड़े, भारत ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया

यूक्रेन पर हमला (Russia Ukraine War) करने के चलते संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस के खिलाफ प्रस्ताव पास हुआ है। प्रस्ताव के समर्थन में 141 वोट पड़े। 5 देशों ने विरोध किया। वहीं, भारत समेत 35 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।

Asianet News Hindi | Published : Mar 2, 2022 6:13 PM IST / Updated: Mar 02 2022, 11:48 PM IST

न्यूयॉर्क। यूक्रेन पर हमला (Russia Ukraine War) करने के चलते संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में रूस के खिलाफ प्रस्ताव पास हुआ है। प्रस्ताव के समर्थन में 141 वोट पड़े। 5 देशों ने विरोध किया। वहीं, भारत समेत 35 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। मास्को और कीव के बीच बढ़ते संकट पर वैश्विक संस्था में लाए गए प्रस्तावों पर एक सप्ताह से भी कम समय में भारत का तीसरा बहिष्कार है।

193 सदस्य देशों वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बुधवार को रूस से यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान को रोकने और सभी सैनिकों को वापस बुलाने की मांग के लिए मतदान किया, जिसमें विश्व शक्तियों से लेकर छोटे द्वीप राज्यों के राष्ट्र तक ने मास्को की निंदा की। 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1997 के बाद पहला आपातकालीन सत्र बुलाया गया था। 

भारत ने की छात्रों को निकालने के लिए सुरक्षित मार्ग की मांग
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि हम अपने छात्रों सहित सभी भारतीय नागरिकों के लिए सुरक्षित और निर्बाध मार्ग की मांग करते हैं। विशेष रूप से खार्किव और अन्य संघर्ष क्षेत्रों से। मेरी सरकार ने निकासी की सुविधा के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों में वरिष्ठ मंत्रियों को तैनात किया है। हम सभी पड़ोसी देशों को यूक्रेन से लगी अपनी सीमा खोलने और इस समय हमारे दूतावासों को सभी सुविधाएं देने के लिए धन्यवाद देते हैं। भारत यूक्रेन में बिगड़ते हालात को लेकर बेहद चिंतित है। खार्किव में एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई थी। हम उनके परिवार और इस संघर्ष में अपनी जान गंवाने वाले प्रत्येक नागरिक के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।

रूस को मिला चार देशों का साथ
प्रस्ताव में यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता को सबसे मजबूत शब्दों में खारिज किया गया और रूसी सेना की तत्काल और पूर्ण वापसी की मांग की गई। महासभा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए मतदान किया और यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की "सबसे मजबूत शब्दों में निंदा" की। रूस को बेलारूस, क्यूबा, ​​उत्तर कोरिया और सीरिया का समर्थन मिला।

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संयुक्त राष्ट्र के करीब 100 सदस्य देशों (संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, अफगानिस्तान, कनाडा, आयरलैंड, कुवैत, सिंगापुर, तुर्की, यूक्रेन समेत अन्य) ने 'यूक्रेन के खिलाफ आक्रामकता' नामक प्रस्ताव को सह-प्रायोजित किया। प्रस्ताव पास होने के लिए 2/3 बहुमत की जरूरत थी। यूएनजीए का प्रस्ताव पिछले शुक्रवार को 15 देशों की सुरक्षा परिषद में परिचालित किए गए प्रस्ताव के समान था, जिसपर भारत ने भाग नहीं लिया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के पक्ष में 11 वोट मिले और तीन अनुपस्थित रहे थे। स्थायी सदस्य रूस ने अपने वीटो का प्रयोग कर प्रस्ताव को अवरुद्ध कर दिया था।

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