Russia: कौन है येवगेनी प्रिगोझिन? जिसने दोस्त पुतिन के खिलाफ ही कर दी बगावत- हिटलर से कैसा कनेक्शन

रूस के वैगनर ग्रुप (Wagner Group) को प्रेसीडेंट ब्लादिमीर पुतिन की प्राइवेट आर्मी भी कहा जाता है। अब उसी ग्रुप ने पुतिन को सत्ता से उखाड़ फेंकने का ऐलान कर दिया है।

 

Manoj Kumar | Published : Jun 24, 2023 8:13 AM IST / Updated: Jun 24 2023, 01:49 PM IST

Who is Yevgeny Prigozhin. रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच ही रूस में विद्रोह की खबरें आ रही हैं। प्रेसीडेंट पुतिन की प्राइवेट आर्मी कही जाने वाली वैगनर ग्रुप ने ही विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है। वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन ने पुतिन की सत्ता उखाड़ फेंकने का ऐलान किया और मॉस्को की तरफ चढ़ाई कर दी। रिपोर्ट्स के अनुसार विद्रोही गुट ने कई शहरों पर कब्जा कर लिया है। आइए जानते हैं कि आखिर कौन हैं येवगेनी प्रिगोझिन जिन्होंने बगावत का बिगुल फूंका है?

कौन है येवगेनी प्रिगोझिन

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येवगेनी प्रिगोझिन का जन्म रूस के लेनिनग्राद में 1961 में हुआ और वे उम्र में ब्लादिमीर पुतिन से करीब 9 साल छोटे हैं। प्रिगोझिन जब बहुत छोटे थे, तभी पिता को खो दिया। रिपोर्ट्स बताती हैं कि प्रिगोझिन ने यह स्वीकार किया था कि पिता की मौत के बाद उनकी मां हॉस्पिटल में काम करती थीं। प्रिगोझिन ने प्राइमरी की पढ़ाई पूरी की और स्पोर्ट्स एकेडमी ज्वाइन की। वह कंट्री स्कीइंग करता था लेकिन प्रोफेशनल एथलीट नहीं बन पाया। इसी बीच उसकी पहुंच अपराधियों से हो गई और वह छोटे-मोटे क्राइम करने लगा। बाद में लूट के एक केस में उसे कोर्ट ने 13 साल की सजा सुनाई और वह करीब 1 दशक से ज्यादा वक्त तक जेल में ही रहा।

जेल काटकर सेंट पीटर्सबर्ग लौटा प्रिगोझिन

जेल काटने के बाद जब येवगेनी प्रिगोझिन अपने होम टाउन सेंट पीटर्सबर्ग लौटा तो उस वक्त रूस में बड़े बदलाव हो रहे थे। तब उसने सुपर मार्केट की एक सीरीज में शेयर खरीदे। 1995 में प्रिगोझिन ने रेस्टोरेंट चलाने का फैसला किया और कुछ ही समय के बाद उसकी मुलाकात होटल चेन चलाने वाले अंग्रेज टोनी गियर से हुई। इसके बाद वह सेंट पीटर्सबर्ग में वाइन शॉप भी चलाने लगा और उसका बिजनेस चल निकला।

कैसे हुई ब्लादिमीर पुतिन से प्रिगोझिन की मुलाकात

रेस्टोरेंट काफी पॉपुलर हो गया था और वहां कई बड़े बिजनेसमैन, ब्यूरोक्रेट्स आते थे। वहीं पर प्रिगोझिन की मुलाकात तत्कालीन डिप्टी मेयर ब्लादिमीर पुतिन से हुई। इसके बाद प्रिगोझिन की मुलाकात सेलिस्ट मस्टीस्लाव से हुई। तब उनके घर पर स्पेन की रानी की मेजबानी की जिम्मेदारी थी और प्रिगोझिन ने यह जिम्मेदारी बखूबी निभाई। मस्टीस्लाव ने अपने 75वें जन्मदिन पर प्रिगोझिन और उसकी पत्नी को भी दावत पर बुलाया जहां वह फिर पुतिन से मिला। तब तक पुतिन रूस के राष्ट्रपति बन चुके थे।

पुतिन और प्रिगोझिन की दोस्ती कैसे आगे बढ़ी

इन मुलाकातों के बाद ब्लादिमीर पुतिन और प्रिगोझिन के बीच की दोस्ती काफी मजबूत हो गई और वह पुतिन का खास बन गया। 2010 में पुतिन ने प्रिगोझिन की मदद की और उसने फैक्ट्री खोल ली। अकेले मॉस्को में इसकी कंपनी ने कई पब्लिक स्कूलों में फूड सप्लाई से लाखों डॉलर कमाए। वह पुतिन का भी शेफ बन गया। फिर वह धीरे-धीरे पुतिन की प्राइवेट आर्मी वैगनर का चीफ बन गया।

क्या है वैगरन का हिटलर से खास कनेक्शन

वैगनर ग्रुप की स्थापना रूस की खुफिया एजेंसी के लिए काम करने वाले दिमत्री उत्किन ने की थी। यह वही दमित्री थे जो एडोल्फ हिटलर को आदर्श मानता था। यही वजह है कि वैगनर ग्रुप को एडोल्फ हिटलर से जुड़ा भी माना जा रहा है। हिटलर अपने समय में म्यूजिक कंपोजर रिर्चड वैगनर को पसंद करता था और इसी के नाम पर इस ग्रुप का नाम भी वैगनर रखा गया।

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