
Russia Nuclear Test: रूसी राष्ट्रपति वलादिमीर पुतिन ने बुधवार को अधिकारियों को आदेश दिया कि वे न्यूक्लियर टेस्ट्स को फिर से शुरू करने के लिए प्रस्ताव तैयार करें। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाल के बयानों के जवाब में उठाया गया है, जिनमें उन्होंने संकेत दिया कि अमेरिका भी अपने परमाणु परीक्षण फिर से शुरू कर सकता है। पुतिन ने सुरक्षा परिषद की बैठक में दोहराया कि मॉस्को सिर्फ तभी परमाणु परीक्षण दोबारा शुरू करेगा, जब अमेरिका ऐसा करेगा। लेकिन उन्होंने रक्षा और विदेश मंत्रालयों सहित सभी सरकारी एजेंसियों को वॉशिंगटन की नीयत का विश्लेषण करने और परमाणु परीक्षणों को फिर से शुरू करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया।
30 अक्टूबर को ट्रंप ने संकेत दिया था कि अमेरिका 30 सालों के बाद अपने परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि यह रूस और चीन के साथ समान आधार पर होगा। हालांकि, अमेरिकी पावर सेकेटरी क्रिस राइट ने कहा कि नए परीक्षण परमाणु विस्फोट शामिल नहीं करेंगे। ट्रम्प ने यह घोषणा दक्षिण कोरिया की यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पर की, कुछ ही दिनों बाद पुतिन ने परमाणु-सक्षम क्रूज मिसाइल और अंडरवाटर ड्रोन के सफल परीक्षण की जानकारी दी। पुतिन का यह कदम ट्रंप के लिए साफ संदेश था कि रूस यूक्रेन संघर्ष में अपनी ज्यादातर मांगों पर कायम है।
रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलुसोव ने बताया कि अमेरिका अपने परमाणु हथियारों को आधुनिक बनाने का प्रयास कर रहा है। अगर अमेरिका परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करता है, तो यह रूस के लिए गंभीर सैन्य खतरे का संकेत होगा। बेलुसोव ने सुझाव दिया कि रूस तुरंत आर्कटिक के नोवाया जेम्ल्या द्वीप समूह में परमाणु परीक्षणों की तैयारी शुरू करे। यह वही जगह है, जहां सोवियत संघ ने 1990 में आखिरी न्यूक्लियर टेस्ट किया था। सैन्य जनरल वैलेरी गेरासिमोव ने भी इसे तुरंत शुरू करने का समर्थन किया। उनका कहना था, 'अगर हम अब उचित कदम नहीं उठाएंगे, तो अमेरिका की गतिविधियों का तुरंत जवाब देने का समय और अवसर खो देंगे। परमाणु परीक्षण की तैयारी में महीनों या सालों का समय लगता है।'
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