Exclusive: कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों पर बोले एस जयशंकर, 'ऐसी ताकतों को बढ़ावा देना उनके लिए भी खतरा'

Published : Sep 18, 2023, 12:03 PM ISTUpdated : Sep 18, 2023, 12:09 PM IST
External Affairs Minister S Jaishankar made it clear in an interview given to Asianet News what India got from the G20 bsm

सार

कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों और कनाडाई सरकार के उचित कदम न उठाने से भारत-कनाडा रिश्तों में खटास आ गई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एशियानेट न्यूज नेटवर्क को दिए इंटरव्यू में इस बारे में बात की। 

नेशनल डेस्क। एशियानेट न्यूज नेटवर्क को दिए इंटरव्यू में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा में बढ़ रहीं खालिस्तानी गतिविधियों पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि अपनी धरती से दूसरे देशों में शातिं-सोहार्द की भावनाओं को ठेस पहुंचाने और उनमें जहर घोलने वाली ताकतों को रोकने की जिम्मेदारी हर लोकतांत्रिक देश के लिए जरुरी है।

कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों पर बोले जयशंकर

भारत विरोधी खालिस्तानी गतिविधियों पर कनाडा के साथ भारत के रिश्तों के प्रश्न पर विदेश मंत्री ने कहा- हम कनाडा से अच्छे संबंध चाहते हैं जैसे अन्य देशों के साथ हैं। कनाडा जी-20 का हिस्सा है। हम भी चाहते हैं कि कनाडा और भारत के संबंध पहले की तरह ऐतिहासिक रहें लेकिन हमारी समस्या तब बढ़ जाती है जब किसी कारण से अपने देश में वे उन गतिविधियों को जगह देते हैं। जिनका असर सीधा हम पर पड़ता है। वहीं कनाडाई कैबिनेट में चार सिखों की मौजूदगी के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि-राजनीति में मजबूरियां होती हैं लेकिन नैतिक और भलाई की मूल्यों से बढ़कर नहीं। कहा कि, एक पल के लिए हमें भूल जाइए लेकिन जिस तरह की ताकतों को हौसला दिया जा रहा है, वे उस देश के लिए भी अच्छा नहीं है।

जस्टिन ट्रूडो के सामने PM मोदी ने उठाया था मुद्दा

दिल्ली में आयोजित हुए जी-20 समिट से इतर पीएम मोदी  और कनाडा पीएम जस्टिम ट्रूडो की द्विपक्षीय वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने खालिस्तान का मुद्दा उठाया था और चिंता व्यक्त की थी। इस पर जस्टिन ट्रूडो ने कहा था दोनों मुद्दों पर वार्ता हुई है। कनाडा हमेशा अभिव्यक्ति की अजादी, अंतरात्मा की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध की स्वतंत्रता की रक्षा करेगा और ये हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।

भारत-कनाडा के रिश्तों में कड़वाहट

खालिस्तान के मुद्दे को लेकर भारत और कनाडा के बीच खटास आ गई है। ट्रूडो के कार्यकाल में कई खालिस्तानी आतंकियों ने भारतीय मूल के लोगों को निशाना बनाया और उनपर हमले किए। भारत ने कड़े शब्दों में इसकी आलोचना ही हालांकि ट्रूडो का खालिस्तानी प्रेम धीरे-धीरे और बढ़ता जा रहा है। जिससे भारत और कनाडा के संबंधों में भी दूरियां बढ़ती जा रही है।

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