बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों की नफरत के बीच जगह-जगह सरस्वती पूजन, पुराना है यहां हिंसा का इतिहास

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हिंदू समुदाय का एक प्रमुख धार्मिक त्योहार सरस्वती पूजा गुरुवार को पूरे बांग्लादेश में बहुत उत्साह, उत्सव और धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जा रहा है। 

ढाका(Dhaka). कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हिंदू समुदाय का एक प्रमुख धार्मिक त्योहार सरस्वती पूजा गुरुवार को पूरे बांग्लादेश में बहुत उत्साह, उत्सव और धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जा रहा है। राष्ट्रपति अब्दुल हमीद और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बुधवार को सरस्वती पूजा के अवसर पर हिंदू समुदाय को बधाई दी थी। माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को सरस्वती पूजा मनाई जाती है। जानिए पूरी डिटेल्स...

बांग्लादेश में भी हिंदू भक्त, विशेष रूप से छात्र, देवी सरस्वती की पूजा करते हैं और शिक्षण संस्थानों और मंदिरों में पूजा करते हैं। जगन्नाथ विवि की केंद्रीय पूजा उड्डयन समिति ने परिसर में सरस्वती पूजा का आयोजन किया। साथ ही राजधानी में जगह-जगह सरस्वती पूजा का भी आयोजन हो रहा है।

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यह तस्वीर इंटरेनशन हिंदू वाइस ने tweet करके लिखा-मूर्तियां, प्रतिमाएं इस्लाम में हराम हैं, इसलिए किसी मुस्लिम देश में मूर्तियां, प्रतिमाएं नहीं होंगी। इसलिए इस नारे के साथ बांग्लादेश में सरस्वती पूजा से पहले मूर्तियों को तोड़ना शुरू हो गया है।

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बांग्लादेश में हिंदू समुदाय लगातार मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर है। नवंबर, 2022 में रंगपुर के कौनिया उपजिला में अज्ञात बदमाशों के एक समूह ने शहीद बाग केंद्रीय श्मशान और काली मंदिर की हिंदू मूर्तियों में तोड़फोड़ की थी। इसकी पुष्टि कौनिया थाना प्रभारी (ओसी) मोंटेसर बिल्ला ने खुद की थी। स्थानीय हिंदू समुदाय ने सोमवार को जब काली मूर्ति का सिर गायब देखा, तो पुलिस को इसकी सूचना दी थी। क्लिक करके पढ़ें डिटेल

अक्टूबर, 2021 में हुई थी बड़ी हिंसा

बांग्लादेश में दुर्गा उत्सव(Durga Puja) के 2021में बड़ी साम्प्रदायिक हिंसा(communal violence) हुई थी। हिंसा की शुरुआत 13 अक्टूबर, 2021 को हुई थी। यानी बांग्लादेश के इतिहास में 13 अक्टूबर सबसे बदनाम दिवस के तौर पर दर्ज हो गया। इस्लामिक कट्टरपंथियों ने दुर्गा पूजा के दौरान चांदपुर जिले में कई हिंदू मंदिरों पर हमला कर दिया था। इस हिंसक झड़प में 5 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में 100 लोगों को अरेस्ट किया था। 22 जिलों में सुरक्षाबल मार्च करते रहे, बावजूद हिंसा रुकी नहीं थी। तनाव के बीच विजयादशमी पर मां दुर्गा की मूर्तियां का विसर्जन करना पड़ा था। क्लिक करके पढ़ें डिटेल

कानूनी अधिकार समूह ऐन ओ सलीश केंद्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2013 से सितंबर 2021 के बीच बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर 3679 हमले किए गए। भारत के सहयोग से अस्तित्व में आए बांग्लादेश में की आबादी 1971 में 6 करोड़ 55 लाख 31 हजार 634 थी। फिर 50 सालों में यह संख्या करीब-करीब दोगुनी हो गई। इसके बावजूद यहां हिंदुओं की संख्या घटती गई। ईसाई, बौद्ध और अन्य धर्मों के लोगों की आबादी भी कम बची है।

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