सार

बांग्लादेश में फिर से हिंदू मंदिरों हमले की खबर है। यहां रंगपुर के कौनिया उपजिला में अज्ञात बदमाशों के एक समूह ने शहीद बाग केंद्रीय श्मशान और काली मंदिर की हिंदू मूर्तियों में तोड़फोड़ की। घटना रविवार रात की है।

ढाका. बांग्लादेश में फिर से हिंदू मंदिरों हमले की खबर है। यहां रंगपुर के कौनिया उपजिला में अज्ञात बदमाशों के एक समूह ने शहीद बाग केंद्रीय श्मशान और काली मंदिर की हिंदू मूर्तियों में तोड़फोड़ की। घटना रविवार रात की है। इसकी पुष्टि कौनिया थाना प्रभारी (ओसी) मोंटेसर बिल्ला ने की है। स्थानीय हिंदू समुदाय ने सोमवार को जब काली मूर्ति का सिर गायब देखा, तो पुलिस को इसकी सूचना दी। पढ़िए पूरी डिटेल्स...

इस इलाके के लोग शांत स्वभाव के माने जाते हैं
घटना की सूचना मिलने पर थाने के ओसी मोंटेसर बिल्लाह, विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों(law enforcement agencies) के अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया। बाद में रंगपुर जिला सीआईडी ​​की क्राइम सीन टीम ने मंदिर परिसर में पहुंचकर सबूत जुटाए। आरोपियों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है। घटना की गंभीरता को देखते हुए रंगपुर डिस्ट्रिक डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद असीब अहसन, एसपी मोहम्मद फिरदौस अली चौधरी, कौनिया उपजिला परिषद के अध्यक्ष अनवारुल इस्लाम, उपजिला परिषद के उपाध्यक्ष अब्दुर रज्जाक, शाहिद बाग संघ परिषद के अध्यक्ष अब्दुल हन्नान ने घटनास्थल का दौरा किया।

बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद की कौनिया उपजिला शाखा के महासचिव अभय चंद्र बर्मन ने कहा काली मूर्ति में तोड़फोड़ करने वालों को कानून के दायरे में लाने की मांग की गई है। हालांकि उन्होंने प्रशासन से आम लोगों को परेशान नहीं करने की भी अपील की है। कौनिया थाना के ओसी मोंटेसर बिल्ला के मुताबिक, रविवार रात करीब साढ़े आठ बजे रिपोर्ट लिखे जाने तक घटना में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया था। हालांकि, मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। 

एसपी मोहम्मद फिरदौस अली चौधरी ने बताया कि पुलिस एजेंसियों ने मामले को गंभीरता से लिया है और मामले पर काम कर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि घटना में शामिल लोगों की पहचान करना और उन्हें जल्द ही कानून के दायरे में लाना संभव होगा। डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद असीब अहसान ने कहा कि यह एक शर्मनाक कृत्य है। इस इलाके के लोग बेहद शांत हैं। सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को कानून के दायरे में लाया जाएगा। साथ ही मूर्ति को यथाशीघ्र बदलने के उपाय किए जाएंगे।

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