सार

खालिस्तान की मांग को लेकर पाकिस्तान का षड्यंत्र सामने आया है। ISI खालिस्तानी आतंकवादियों को मदद कर रहा है। बताया जाता है कि खालिस्तानी आतंकवादियों के साथ पाकिस्तान के लाहौर में कई बैठकें भी की जा चुकी हैं। 

वर्ल्ड न्यूज. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI पर भारत के खिलाफ साजिशें रचने का अकसर आरोप लगता रहा है। समय-समय पर ऐसे कई सारे सबूत भी हाथ लगते रहे हैं, जिससे ये आरोप साबित होते हैं। अब खालिस्तान की मांग को लेकर पाकिस्तान का षड्यंत्र सामने आया है। भारत की खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है कि पाकिस्तान ISI के जरिये खालिस्तानी आतंकवादियों को मदद कर रहा है। बताया जाता है कि खालिस्तानी आतंकवादियों के साथ पाकिस्तान के लाहौर में कई बैठकें भी की जा चुकी हैं। यही नहीं, पाकिस्तान दुनिया भर में मौजूद अपने दूतावासों और हाई कमीशन के जरिये भी खालिस्तानी समर्थकों और आतंकियों को फंडिंग और हथियार मुहैया करा रहा है। मकसद है कि भारत में हिंसा फैलाई जा सके।

फेक और घोस्ट सोशल मीडिया अकाउंट का सहारा
भारतीय मीडिया 'ज़ी मीडिया' ने दावा किया है कि उसक पास ऐसे कई एक्सक्लूसिव डाक्यूमेंट मौजूद हैं, जिसने खुलासा होता है कि पाकिस्तान की मदद से सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने सैकड़ों फेक ट्विटर हैंडल बनाए हैं। इनके जरिये खालिस्तान जनमत संग्रह (Khalistan Referendum) वाली साजिशों को अंजाम दिया जा सके। यही नहीं, खालिस्तान के समर्थन वाले 1450 घोस्ट ट्विटर एकाउंट (Ghost Twitter Account) भी सामने आए हैं, जिनके फॉलोवर ज़ीरो हैं। इनके जरिये पाकिस्तान लोगों को भड़काने का काम करता है। खालिस्तान से जुड़े हैशटैग को सोशल मीडिया पर ट्रेंड कराने के लिए इन फेक और घोस्ट अकाउंट का सहारा खालिस्तानी ग्रुप लेते हैं। पड़ताल में सामने आया कि पिछले महीने 10 सिंतबर से 10 अक्टूबर के बीच खालिस्तान रेफरेंडम के समर्थन में 29032 ट्वीट किए गए। इन्हें दुनिया भर में 7826 लोगों ने रिट्वीट किया। अक्टूबर में खालिस्तान के समर्थन में 334 नये ट्विटर अकाउंट भी बनाने की बात सामने आई है।

भारत के खिलाफ लगातार साजिशें रच रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान ऐसा कोई मौका छोड़ना नहीं चाहता, जिससे वो भारत में हिंसा फैला सके। चाहे वो किसान आंदोलन हो या हिजाब का मुद्दा। पड़ताल में पता चला है कि जिन ट्विटर अकाउंट से खालिस्तान के समर्थन में ट्वीट होते रहे, उन्हीं के जरिये हिजाब बैन, किसान आंदोलन और  कश्मीर से जुड़े हैशटैग वाले ट्वीट भी किए गए। खालिस्तानी  आतंकवादियों से पाकिस्तानी रिश्ते छुपे नहीं हैं। बताया जाता है कि खालिस्तान के समर्थन वाले ज्यादातर ट्विटर अकाउंट पाकिस्तान से ऑपरेट किए जा रहे हैं। ISI कनाडा, जर्मनी, अमेरिका और ब्रिटेन में मौजूद मुट्ठीभर खालिस्तानियों को सपोर्ट करके ऐसा माहौल दिखा रही है, मानों सारे सिख खालिस्तान चाहते हैं। पाकिस्तानी सेना के कई रिटायर्ड अधिकारी इस साजिशों में सहयोग कर रहे हैं।

बैन लगने पर नए अकाउंट खोल लेते हैं
खालिस्तान जनमत को लेकर माहौल बनाने खालिस्तानी पाकिस्तान की मदद से फेसबुक,यू-ट्यूब और मोबाइल ऐप की भी मदद ले रहे हैं। भारत “2020 Sikh Referendum” से जुड़े मोबाइल ऐप को बैन कर चुका है, लेकिन यह कई देशों एक्टिव है। सिर्फ पंजाब ही नहीं, कश्मीर में भी आतंकवादी गतिविधियों के पीछे पाकिस्तान लगातार साजिशें कर रहा है। भारत की खुफिया एजेंसियों को खबर मिली है कि ISI कश्मीर और खालिस्तानी आतंकियों को एक साथ मिलाकर अपने मंसूबों को ताकतवर तरीके से अंजाम देने की साजिश में लगा है।

आतंकवादियों से लगातार मीटिंग कर रहा पाकिस्तान 
पाकिस्तान विदेशों में रह रहे खालिस्तानी समर्थकों और कश्मीरी अलगावादियो को एक साथ लगाने के षड्यंत्र में लगा हुआ है। खासकर यूके ,कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में स्थित पाकिस्तानी हाई कमीशन और दूतावासों के जरिये पाकिस्तान इन ग्रुप्स को एक साथ लाने में लगा है। इसे प्लान K-2 कहा जा रहा है। इस साजिश के तहत ISI आतंकवादी नेताओं के साथ कई राउंड की मीटिंग कर चुका है।

उदाहरण के तौर पर  पिछले दिनों  पाकिस्तान से मैच हारने के बाद क्रिकेटर अर्शदीप सिंह के खिलाफ पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर खालिस्तान से जोड़कर ट्वीट किए थे। पाकिस्तानी सोशल मीडिया आर्मी की मदद से अर्शदीप सिंह के खिलाफ हज़ारों ट्वीट कराए गए थे, ताकि सिखों को लेकर भारत में नफरत पैदा की जा सके। पाकिस्तान की इंटर सर्विसेस रिलेशंस (ISPR) ने ये ट्वीट किए थे। बता दें कि अर्शदीप सिंह से पाकिस्तानी क्रिकेटर का कैच गलती से छूटने के बाद ISI ने सोशल मीडिया आर्मी की मदद से खालिस्तान से जुड़े कई हैशटैग बनाए थे।

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