कोरोना वायरस से बीमार बुजुर्ग घर में ही मर जाएं, अस्पताल जाकर न बढ़ाएं डॉक्टरों पर बोझ

ज्यादा की उम्र के कोरोनावायरस रोगियों को स्वास्थ्य सेवा पर 'बोझ' होने से बचना चाहिए। वो अस्पताल में मरने के बजाय घर पर रहने का विकल्प चुन सकते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Mar 26, 2020 12:48 PM IST / Updated: Mar 26 2020, 07:14 PM IST

ब्रिटेन. कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में फैल चुका है। देश दुनिया में अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। इधर ब्रिटेन में भी कोरोना वायरस के अब तक 7,529 पॉजिटिव मामले समने आए हैं। हेल्थ सेक्टर पर सभी लोगों की जांच करने का दवाब बनता देख यहां एक वैज्ञानिक ने असंवेदनशील बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 90 की उम्र के कोरोना मरीज अस्पताल जाकर डॉक्टरों पर बोझ न बढ़ाएं। 

सरकार के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक प्रोफेसर सर डेविड किंग ने बीबीसी रेडियो पर जनता से मुखातिब होते हुए ये बात कही। उन्होंने लगातार पॉजिटिव मामलों को बढ़ता देख हेल्थ सेक्टर पर दवाब का दर्द बयां किया। 

अस्पताल में मरने के बजाय घर पर रहें

उन्होंने कहा है कि "90 साल से ज्यादा की उम्र के कोरोनावायरस रोगियों को स्वास्थ्य सेवा पर 'बोझ' होने से बचने के लिए अस्पताल में नहीं जाना चाहिए। वे इस पर विचार करें कि वो बाकी लोगों की जान बचाने में मदद कर सकते हैं मरीज कोविड-19 से निपटने में मदद करने के लिए अस्पताल में मरने के बजाय घर पर रहने का विकल्प चुन सकते हैं।"

बुजुर्ग अस्पताल गए तो वापस नहीं लौटेंगे

बीबीसी रेडियो 4 के अनुसार, सर डेविड ने कहा, "मैं निश्चित रूप से 90, 95 साल के किसी को भी ये सलाह दूंगा, जो इस समय दुनिया और देशवासियों के लिए अतिसंवेदनशील है, दो कारणों से अस्पताल में नहीं जाने पर विचार कर सकते हैं।"

आप हेल्थ सर्विस पर बोझ बन रहे हैं

'एक है, आप अगर कोरोना वायरस या दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं के साथ इस उम्र में अस्पताल जाएंगे तो निश्चित ही आप कभी बाहर नहीं आ पाएंगे। और दूसरा सबसे बड़ा कारण ये है कि निश्चित रूप से आप एनएचएस (हेल्थ सर्विस)  पर बोझ बन रहे हैं।'

 

ये डॉक्टरों के लिए एक बड़ा सवाल है

यूके के कैरोलिन अब्राहम ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हो सकता है कुछ लोग इस पर विचार करें लेकिन लेकिन 'अंत में यह बीमार लोगों और परिवारों के लिए सवाल नहीं है बल्कि ये डॉक्टरों पर एक सवाल है।'

मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार रह चुके हैं डेविड

बता दें कि सर डेविड सितंबर 2013 से मार्च 2017 तक जलवायु परिवर्तन के लिए स्थायी विशेष प्रतिनिधि थे, और पहले 2000 से 2007 तक सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार रहे थे।

ब्रिटेन में लग सकते हैं लाशों के ढेर

सरकार बुजुर्गों सहित देश के सबसे कमजोर 1.5 मिलियन लोगों को अलग रखने की योजना बना रही है। आने वाले समय में यहां कोरोना वायरस से लाशों के ढेर लगने की आशंका जताई गई है।

पॉजिटिव मामलों की संख्या 9 हजार से ऊपर

डॉक्टरों और नर्सों के लिए और अधिक सुरक्षात्मक उपकरण प्रदान करने के लिए सरकार पर दबाव बन रहा है। यूके में बुधवार सुबह कोरोना पॉजिटिव मामले 9,529 तक बढ़ गए और मंगलवार को ये मात्र 8,077 तक थे। 

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