किंग चार्ल्स की ताजपोशी में शामिल इस बकरी की लग्जरी लाइफ किसी रॉयल्स से कम नहीं, ये सिगरेट भी पीती हैं

ब्रिटेन की रॉयल रेजीमेंट्स में बकरियों को शुभंकर बनाया जाता है। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद किंग चार्ल्स III को नया राजा घोषित किया गया। उनकी ताजपोशी के दौरान शेनकिन नामक रॉयल बकरी की ठाठ देख हर कोई के कौतुहल का वह केंद्र रही।

Shenkin goat: सबसे निरीह जानवरों में बकरी को भी माना जाता है। गांव-देहात में निरीह-असहाय लोगों को भेड़-बकरियों की संज्ञा दे दी जाती है। लेकिन इंग्लैंड के रॉयल बटॉलियन की बकरियों को जानने के बाद लोगों का नजरिया बदल सकता है। रॉयल रेजीमेंट्स में बकरियों की सैलरी, लग्जरी लाइफ व सुविधाओं से किसी को भी रश्क हो सकता है। 

रॉयल रेजीमेंट्स में बकरियां ही शुभंकर

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ब्रिटेन की रॉयल रेजीमेंट्स में बकरियों को शुभंकर बनाया जाता है। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद किंग चार्ल्स III को नया राजा घोषित किया गया। उनकी ताजपोशी के दौरान शेनकिन नामक रॉयल बकरी की ठाठ देख हर कोई के कौतुहल का वह केंद्र रही। शेनकिन बकरी, तीसरी बटालियन द रॉयल वेल्श के रेजिमेंट की मैस्कट है। शेनकिन ने रॉयल फैमिली के ऐतिहासिक कार्यक्रम में भाग लिया।

किंग चार्ल्स की ताजपोशी में शेनकिन ने किया मार्च

किंग चार्ल्स III की ताजपोशी के दौरान आयोजित कार्यक्रम में शेनकिन ने भी मार्च में हिस्सा लिया। तीसरी बटालियन द रॉयल वेल्श के 26 सैनिकों के साथ सिटी हॉल से कैसल तक मार्च किया था। यह बकरी रॉयल वेल्श के लिए पारंपरिक शुभंकर है। हालांकि, रॉयल रेजीमेंट के अपने अपने अलग-अगल शुभंकर बकरियां हैं। अलग-अलग रेजीमेंट अपनी शुभंकर बकरियों के अलग-अलग नाम भी रखे होते हैं।

रॉयल बकरियां सिगरेट भी पीती हैं, तनख्वाह भी मिलता

रॉयल रेजीमेंट की शुभंकर बकरियों को सैलरी भी मिलती है। अक्सर यह शुभंकर बकरियां अपने सैनिकों से आगे निकल जाती हैं और उनसे अधिक सैलरी कई बार पाती हैं। हर बकरी को रेजीमेंट में नंबर और रैंक अलॉट किया जाता है। शेनकिन बकरी का रैंक लांस कॉर्पोरल का है। इन बकरियों को सैलरी के अलावा उनकी वर्दी, भोजन व आवास आदि का भी भत्ता मिलता है। रॉयल वेल्श रेजीमेंट की कुछ बकरियों को एक दिन में दो सिगरेट भी मिलता है। इनके आवास काफी आरामदायक होते हैं। इनको सोफा व रेडियो आवंटित होता है। 

प्रमोशन-डिमोशन भी होता है बकरियों का

रॉयल रेजीमेंट्स की शुभंकर बकरियों का प्रमोशन डिमोशन भी होता है। अगर यह बेहतर काम करती हैं तो इनको प्रमोट किया जाता है। कई बार इनको डिमोट भी किया जाता है। शेनकिन के पहले एक मैस्कट बकरी को परेड के दौरान दुर्व्यवहार करने पर डिमोट कर दिया गया था। 

कड़े प्रशिक्षण के बाद शामिल किया जाता है रेजीमेंट में

नई शेनकिन बनने के लिए बकरियों को कठोर प्रशिक्षण दिया जाता है। यदि किसी शुभंकर बकरी की मृत्यु हो जाती है, तो दूसरे को चुना जाता है। लेकिन इसके लिए रॉयल फैमिली हेड से अनुमति लेनी होती है। रेजीमेंट में नई बकरी को शामिल करने के लिए अनुमति की परंपरा महारानी विक्टोरिया के समय से प्रारंभ हुई थी।

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