सिंगापुर में बुधवार को भारतीय मूल के एक व्यक्ति को गांजा तस्करी करने के लिए फांसी दे दी गई। 46 साल के तंगाराजू सुप्पैया को नशीली दवाओं के सेवन करने और ड्रग तस्करी के आरोपों में साल 2014 में गिरफ्तार किया गया था।
सिंगापुर: सिंगापुर ने बुधवार को एक किलोग्राम गांजा की तस्करी (Smuggling of cannabis) की साजिश में दोषी पाए गए भारतीय मूल के एक व्यक्ति को फांसी दे दी। फांसी के खिलाफ काम करने वाले संगठन का कहना है कि दोषी को फांसी देकर फांसी को खत्म करने के अंतरराष्ट्रीय अपील की अनदेखी की है।संगठन का कहना है कि 46 वर्षीय तमिल व्यक्ति को फांसी की सजा पर पुनर्विचार करने के लिए परिवार और संयुक्त राष्ट्र की दलीलों की अनदेखी की है और उसे 1 किलो गांजा तस्करी की साजिश रचने का दोषी ठहराया और उसे फांसी दी।
गौरतलब है कि सिंगापुर में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार द्वारा फांसी पर तत्काल पुनर्विचार करने और इसे रोकने के लिए ब्रिटिश टाइकून रिचर्ड ब्रैनसन (Richard Branson) की गई अपील के बावजूद तंगराजू सुप्पैया (Tangaraju Suppiah) को फांसी दी गई है। मामले में सिंगापुर जेल सर्विस के प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि सिंगापुर के 46 वर्षीय तंगाराजू सुप्पैया को आज चांगी जेल परिसर में फांसी दे दी गई।
तंगाराजू को 2017 में गांजा तस्करी की साजिश में शामिल होने का दोषी ठहराया गया थ। उन्हें 2018 में मौत की सजा (sentenced to death) सुनाई गई थी। इसके बाद कोर्ट ऑफ अपील (Court of Appeal ) ने भी फैसले को बरकरार रखा था।
गांजा तस्करी में इस्तेमाल हुए तंगराजू के फोन नंबर
जेनेवा स्थित ग्लोबल कमीशन ऑन ड्रग पॉलिसी के सदस्य ब्रैनसन ने सोमवार को अपने ब्लॉग पर लिखा कि गिरफ्तारी के समय तंगाराजू के पास ड्रग नहीं थी। वहीं, सिंगापुर के गृह मंत्रालय (Home Affairs Ministry) ने मंगलवार को कहा कि तंगराजू का अपराध साबित हुआ है। उसके पास से तस्करी के दौरान इस्तेमाल हुए दो मोबाइल नंबर मिले हैं।
कई देशों में कैनबिस डिक्रिमिनलाइज
बता दें कि दुनिया के कई हिस्सों में गांजा को डिक्रिमिनलाइज कर दिया गया है। इन देशों में थाईलैंड भी शामिल है। बता दें कि सिंगापुर में नशीले पदार्थ को लेकर सख्त कानून हैं।