तालिबान ने अपने संस्थापक के मकबरे का चित्र भी जारी किया है। फोटो में दिखाया गया है कि तालिबान नेता का एक साधारण सफेद ईंट का मकबरा है। मकबरा बजरी से ढका हुआ है और हरे धातु के ग्रिल से उसे बंद रखा गया है।
Mullah Omar final resting place: तालिबान ने रविवार को बड़ा खुलासा किया। अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने अपने संगठन के संस्थापक को लेकर बड़ा राजफाश किया है। तालिबान ने मुल्ला उमर के कब्र को लेकर खुलासा किया है। अभी तक मुल्ला उमर की कब्र व मृत्यु को गुप्त ही रखा गया था। हालांकि, तालिबान ने अप्रैल 2015 में यह स्वीकार कर लिया था कि संस्थापक मुल्ला उमर की मौत दो साल पहले हुई है लेकिन वह कब्र की जगह को लेकर चुप्पी साध लेता था।
रविवार को बताया गया कहां है मुल्ला उमर की कब्र...
दरअसल, तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के गंभीर बीमार होाने, कभी उसके ठिकाने ध्वस्त किए जाने तो कभी उसकी मौत की अफवाहें लगातार आती रहीं। यह अफवाहें 2001 से ही उड़ती रहीं लेकिन तालिबान ने कभी इस पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी। अप्रैल 2015 में तालिबान ने यह जरूर स्वीकार किया कि उसे संस्थापक की मौत दो साल पहले हो चुकी है। लेकिन करीब एक दशक के बाद वह मुल्ला उमर के कब्र के बारे में सार्वजनिक सूचना दी है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने रविवार को बताया कि तालिबान संस्थापक मुल्ला उमर की कब्र, जाबुल प्रांत के सूरी जिले में है। उन्होंने बताया कि यह पंजशीर घाटी में ओमारजो के पास है। यहीं उनकी कब्रगाह पर एक समारोह में तालिबान के प्रवक्ता शामिल हुए थे और उसके बाद बताया कि उनके नेता का कब्र कहां है।
क्यों छुपाया जा रहा था कब्र के बारे में?
तालिबान प्रवक्ता ने बताया कि मुल्ला उमर के कब्र के बारे में इसलिए खुलासा नहीं किया जा रहा था क्योंकि अफगानिस्तान में उनके विरोधी लोग आसपास थे। जानकारी होने के बाद कब्र को क्षतिग्रस्त कर सकते थे। इसलिए खास परिजन के अलावा किसी को भी इसकी जानकारी नहीं दी जा रही थी। मुजाहिद ने कहा कि बहुत सारे दुश्मन आसपास थे और देश पर कब्जा कर लिया गया था, मकबरे को नुकसान से बचाने के लिए इसे गुप्त रखा गया था।
फोटो भी जारी किया...
तालिबान ने अपने संस्थापक के मकबरे का चित्र भी जारी किया है। फोटो में दिखाया गया है कि तालिबान नेता का एक साधारण सफेद ईंट का मकबरा है। मकबरा बजरी से ढका हुआ है और हरे धातु के ग्रिल से उसे बंद रखा गया है। मकबरा की सुरक्षा में काफी संख्या में तालिबान लड़ाके तैनात किए गए हैं। पहले यहां किसी को भी आने जाने की अनुमति नहीं थी। हालांकि, अब यह आमजन के लिए खोला जा रहा है।
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