Afghanistan में Taliban की सरकार के गठन के बावजूद पंजशीर प्रांत (Panjshir Province) में लड़ाई जारी है। NRF ने अपने twitter पेज के जरिये कहा है कि अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है।
काबुल. Taliban ने मंगलवार को Afghanistan में अपनी सरकार का ऐलान कर दिया। इसमें आतंकी लिस्ट (terrorist list) में शामिल कुख्यात आतंकवादियों को भी मंत्री बनाया है। तालिबान का दावा है कि पंजशीर प्रांत में लड़ाई खत्म हो गई है। यानी अधिकतर भाग पर उसका कब्जा हो चुका है, लेकिन नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स(NRF) का कहना है कि अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। NRF को सपोर्ट करने वाले twitter पेज Panjshir_Province पर लिखा गया-It is not over.
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सुरक्षा परिषद के लिए एक बड़ी चुनौती
बता दें कि तालिबान नेता 21 सितंबर तक यात्रा रियायतें हासिल किए हुए हैं। इसके बाद शायद उनकी यात्राओं पर रोक लगा दी जाए। असली चुनौती संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद(United Nations Security Council) के सामने है। उसके लिए यह फैसला करना टेड़ी खी होगा कि कैसे तालिबान सरकार में मंत्री बनाए गए संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में शामिल हसन अखुंद, सिराजुद्दीन हक्कानी जैसे नेताओं को बाहर किया जाए। अगर अमेरिका और रूस तालिबान को कुछ रियायत देना चाहता है, तो उसे सबसे पहले इन नामों को आतंकवादी लिस्ट से बाहर करना होगा।
तालिबान ने अमेरिका के बारे में यह कहा
तालिबान को सपोर्ट करने वाले twitter पेज talib times पर लिखा गया-World Leader! लोग तालिबान के साहस और जीत को यह कहकर कम करने की कोशिश करते हैं कि अमेरिका एक समझौते के तहत छोड़ गया...यह पूरी तरह से बकवास है( total nonsense) है।
अमेरिका बोला-अब ये देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या होता है
अफगानिस्तान में मंगलवार शाम को ही जैसे ही तालिबान ने अपनी सरकार के गठन का ऐलान किया, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का बयान आया कि अब आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या होता है? बाइडेन ने कहा कि तालिबान के साथ समझौता करना चीन की असली समस्या है। पाकिस्तान, रूस और ईरान भी यही करेगा। अब ये देश एक जुट हो रहे हैं।
इससे पहले बाइडेन स्पष्ट कर चुके हैं कि तालिबान को मान्यता देना अभी दूर की बात है। संयुक्त राष्ट्र(UN) में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने भी एक ऑनलाइन पिटीशन शुरू की है। इसमें अमेरिका से अपील की जा रही है कि वो तालिबानी सरकार को मान्यता न दो।