रूस इस्लामिक उग्रवादी समूहों के घुसपैठ को लेकर खासा चिंतित है। उसे आशंका है कि आतंकी समूह मध्य एशिया के पूर्व सोवियत गणराज्यों में घुसपैठ कर सकते हैं। यह रूस के लिए बेहद चिंतनीय है।
काबुल। अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा जमाए तालिबान (Taliban) की क्रूरता दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। फिर भी विश्व के कई देश उससे दोस्ती का रिश्ता बनाना चाह रहे हैं। पाकिस्तान-चीन (Pakistan-China) के बाद अब रूस (Russia) भी कट्टर इस्लामिक ग्रुप तालिबान से नजदीकी चाह रहा। रूस ने तालिबान के प्रतिनिधियों को अफगानिस्तान पर बातचीत करने के लिए मॉस्को बुलाया है। माना जा रहा है कि तालिबान प्रतिनिधि 20 अक्टूबर को मॉस्को मीटिंग में रहेंगे।
बातचीत का एजेंडा अभी सामने नहीं आया
अफगानिस्तान को लेकर बातचीत के लिए बुलाए जा रहे तालिबानी प्रतिनिधियों से किस एजेंडा पर बातचीत की जानी है इसको लेकर अधिकारिक रूप से कोई बयान नहीं आया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विशेष प्रतिनिधि ने गुरुवार को बताया कि इस महीने तालिबान के प्रतिनिधि अफगानिस्तान को लेकर बातचीत के लिए मॉस्को में आमंत्रित किए गए हैं।
वैश्विक आतंकवाद को लेकर सशंकित है रूस
रूस इस्लामिक उग्रवादी समूहों के घुसपैठ को लेकर खासा चिंतित है। उसे आशंका है कि आतंकी समूह मध्य एशिया के पूर्व सोवियत गणराज्यों में घुसपैठ कर सकते हैं। यह रूस के लिए बेहद चिंतनीय है।
अफगानिस्तान में सत्ता कब्जाने के बाद रूस कर चुका सैन्य अभ्यास
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद आतंकवाद से सशंकित रूस ने ताजिकिस्तान में सैन्य अभ्यास किया था। प्रेसिडेंट पुतिन ने गुरुवार को ताजिक राष्ट्रपति इमोमाली राखमोन से फोन पर बातचीत भी की है। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान के ताजा घटनाक्रम को लेकर सुरक्षा व्यवस्था पर बातचीत की है।
यह भी पढ़ें: