यूक्रेन युद्ध के बाद रूस में प्रतिबंधों से कितना बदला रूसियों का जीवन, क्यों बिगड़ रहे यहां के हालात...

खाना पकाने के तेल, चीनी और अन्य बुनियादी उत्पादों की कीमतें बढ़ रही हैं। प्रतिबंधों की घोषणा के कुछ ही समय बाद, रूस में उपभोक्ता कीमतों में 2.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। चीनी की कीमतों में भी 20 फीसदी की तेजी आई है।

Dheerendra Gopal | Published : Mar 14, 2022 11:30 PM IST / Updated: Mar 15 2022, 05:02 AM IST

मास्को। यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के हमले के बाद दुनिया के देशों में कई स्थितियां बदल चुकी हैं। यूक्रेन तो युद्ध की तबाही झेल रहा लेकिन हमला करने वाले रूस में जनजीवन (Life in Russia after Ukraine attack) दुनिया के देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बाद मुश्किल में है। अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो के अलावा यूरोपियन यूनियन के प्रतिबंधों के बाद विश्व के दर्जनों ग्लोबल कंपनियों ने अपना कामधाम रूस से समेट लिया है या सस्पेंड कर दिया है। ऐसे में रूस जैसी महाशक्ति देश में रहने वाले नागरिक भी त्राहिमाम कर रहे। 

जीवन यापन महंगा, बेरोजगारी बढ़ने लगी

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प्रतिबंधों के बाद दुनिया की कई कंपनियों ने अपना कामधाम स्थगित कर दिया है। मल्टी नेशनल कंपनियों के ऑपरेशन्स बंद करने या सस्पेंड करने के बाद यहां जीवन यापन की लागत बढ़ रही है। नौकरी छूटने का खतरा है और कई वित्तीय संस्थान अलग-थलग पड़ गए हैं।

मूलभूत आवश्यक चीजे महंगी

खाना पकाने के तेल, चीनी और अन्य बुनियादी उत्पादों की कीमतें बढ़ रही हैं। प्रतिबंधों की घोषणा के कुछ ही समय बाद, रूस में उपभोक्ता कीमतों में 2.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। चीनी की कीमतों में भी 20 फीसदी की तेजी आई है। बीबीसी ने बताया कि जमाखोरी की शिकायत के बाद मॉस्को और अन्य शहरों में दुकानें दवाओं और कुछ अन्य सामानों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा रही हैं।

रूबल गिरने से भी सामानों के दाम आसमान छू रहे

लगभग तीन सप्ताह पहले आक्रमण शुरू होने के बाद से रूबल गिर गया है। यूरोपीय संघ के निवासी जान ने एक ग्लोबल मीडिया को बताया कि उसने 20 फरवरी को 5,500 रूबल के लिए जो किराने का सामान ऑर्डर किया था, उसकी कीमत अब 8,000 रूबल है।

स्मार्टफोन व लैपटॉप भी महंगे

रूस में स्मार्टफोन और लैपटॉप की कीमत भी आसमान छू रहे हैं। प्रतिबंधों की वजह से इन उपकरणों की आपूर्ति प्रभावित हुई है जिसकी वजह से इनकी कीमतों में खासी वृद्धि हुई है। प्रतिबंधों के कारण आपूर्ति में कमी के साथ स्मार्टफोन और टीवी की लागत में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। अन्य प्रमुख ब्रांड जैसे Nike, Apple और Ikea अब रूस में अपने उत्पाद नहीं बेच रहे हैं।

बैंकिंग प्रणाली पर प्रभाव
 
रूसी वित्तीय संस्थानों को स्विफ्ट अंतरराष्ट्रीय भुगतान प्रणाली से हटा दिया गया है, जिससे रूस से लेन-देन करना बेहद मुश्किल हो गया है। Apple, Google Pay, Mastercard, Visa और अन्य ने भी रूस में अपनी सेवाओं को सीमित कर दिया है।

कपड़े और भोजन पर अधिक खर्च कर रहे रूसी

राज्य द्वारा संचालित प्रोम्सवाज़बैंक (PSB) ने कहा कि रूसियों ने इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्यूटिकल्स खरीदने के लिए होड़ मचा रखी थी लेकिन मार्च के पहले सप्ताह में कपड़े और भोजन पर अधिक खर्च करना शुरू कर दिया है। सामानों को स्टॉक करना शुरू कर लिया गया है क्योंकि प्रतिबंधों ने व्यापार को प्रभावित किया है। 

सामान्य दिनों के मुकाबले 21 प्रतिशत अधिक खर्च 

स्टेट बैंक पीएसबी ने क्रेडिट और डेबिट कार्ड लेनदेन का विश्लेषण करने के बाद कहा कि एक सामान्य रूसी ने फरवरी के औसत की तुलना में मार्च के पहले सप्ताह में 21 प्रतिशत अधिक खर्च किया। पीएसबी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर खर्च में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई, फार्मेसी की बिक्री में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई और कपड़े, जूते और सुपरमार्केट में खर्च में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

1998 के बाद से उच्चतम मुद्रास्फीति 

अर्थव्यवस्था मंत्रालय के अनुसार, वार्षिक उपभोक्ता मुद्रास्फीति 4 मार्च तक 10.42 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो 25 फरवरी को 9.05 प्रतिशत थी। साप्ताहिक मुद्रास्फीति पिछले सप्ताह के 0.45 प्रतिशत से बढ़कर 2.22 प्रतिशत हो गई, जो 1998 के बाद का उच्चतम स्तर है।

मीडिया पर शिकंजा

कुछ स्वतंत्र मीडिया आउटलेट, जो यूक्रेन में युद्ध पर रिपोर्टिंग कर रहे थे और रूस की आलोचना कर रहे थे, सरकार द्वारा बंद कर दिए गए हैं। इस महीने की शुरुआत में, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो सामने आया था जिसमें एक पूरे रूसी टेलीविजन चैनल के कर्मचारियों को लाइव ऑन-एयर इस्तीफा देते हुए दिखाया गया था। अधिकांश रूसी अब यूक्रेन में युद्ध के बारे में सरकारी मीडिया के माध्यम से समाचार प्राप्त कर रहे हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब सहित सोशल मीडिया प्लेटफार्म आंशिक या पूर्ण रूप से यहां बंद हैं।

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