
कीव। रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी 2022 से लड़ाई (Ukraine Russia War) चल रही है। यूक्रेन को अपनी अस्तित्व की लड़ाई लड़ने के लिए अमेरिका और यूरोप से मदद मिल रही है। इस बीच यूक्रेन से ऐसी खबर आई है जिसे जानकर आप कह सकते हैं कि भ्रष्टाचार की हद हो गई। दरअसल, रूस से लड़ने के लिए मिले 40 मिलियन डॉलर के हथियार यूक्रेन के अधिकारियों ने चुरा लिए हैं।
यूक्रेन की सुरक्षा सेवा ने बताया कि एक यूक्रेनी हथियार कंपनी के कर्मचारियों ने रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मिलकर यह साजिश रची। इनलोगों ने मिलकर 100,000 मोर्टार गोले खरीदने के लिए तय किए गए 40 मिलियन डॉलर का गबन कर लिया।
12 साल जेल की मिल सकती है सजा
एसबीयू ने शनिवार देर रात कहा कि पांच लोगों पर आरोप लगाया गया है। एक व्यक्ति को यूक्रेनी सीमा पार करने की कोशिश करते समय हिरासत में लिया गया है। दोषी पाए जाने पर उन्हें 12 साल तक की जेल की सजा मिल सकती है। यूक्रेनी सरकार को देश को यूरोपीय संघ और नाटो का सदस्य बनाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी पहल के चलते जांच हुई तो 40 मिलियन डॉलर के हथियार चुराने की जानकारी सामने आई। यूरोपीय संघ और नाटो ने यूक्रेन से कहा है कि अगर उसे सदस्य बनना होगा तो अपने यहां चल रहे भ्रष्टाचार को खत्म करना होगा।
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सुरक्षा अधिकारियों ने बताया है कि मौजूदा जांच अगस्त 2022 की है। अधिकारियों ने हथियार फर्म लविव आर्सेनल के साथ 39.6 मिलियन डॉलर के तोपखाने के गोले खरीदने के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए थे। कॉन्ट्रैक्ट के बाद कंपनी के कर्मचारियों को पैसे विदेश में रजिस्टर्ड व्यवसाय में ट्रांसफर करना था। कंपनी को बाद में यूक्रेन को गोला-बारूद देना था। हालांकि गोला बारूद की डिलीवरी कभी नहीं की गई और पैसे गबन कर लिए गए। पैसा यूक्रेन और बाल्कन में विभिन्न खातों में भेजा गया था। यूक्रेन के अभियोजक जनरल ने कहा है कि पैसे जब्त कर लिए गए हैं। इसे देश के रक्षा बजट में वापस कर दिया जाएगा।
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