US ने ईरान को Nuclear Deal 2015 को बचाने के लिए दी बड़ी राहत, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने लादे थे कई प्रतिबंध

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के प्रशासन ने ईरानी परमाणु कार्यक्रम के लिए छूट समाप्त कर दी थीं। इन छूटों का उद्देश्य ईरान को 2015 के समझौते के पालन के लिए लुभाना है।

वाशिंगटन। वैश्विक महाशक्तियों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम (Nuclear Programme)  के लिए कुछ प्रतिबंधों पर राहत दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन (Joe Biden) ने ईरान और विश्व के कुछ शक्तिशाली देशों के बीच ईरान न्यूक्लियर डील 2015 (Nuclear deal 2015) के लिए राहत देने की बात कही है। बाइडेन प्रशासन ने ईरानी परमाणु कार्यक्रम (Nuclear Program) के लिए प्रतिबंधों में कई प्रकार से राहत देने का ऐलान किया है। अमेरिकी प्रतिनिधियों और ईरान के बीच इस बाबत वियना में सहमति बनी। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ईरान (Iran) की असैन्य परमाणु गतिविधियों से संबंधित कई प्रतिबंधों से छूट देने के लिए हस्ताक्षर किए।

पूर्व राष्ट्रपति ने कर दी थी छूट समाप्त

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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के प्रशासन ने ईरानी परमाणु कार्यक्रम के लिए छूट समाप्त कर दी थीं। इन छूटों का उद्देश्य ईरान को 2015 के समझौते के पालन के लिए लुभाना है, जिसका वह उस वक्त से उल्लंघन कर रहा है, जब ट्रंप 2018 में इस समझौते से पीछे हट गए थे और ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया था। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि समझौते में वापसी के लिए समर्थन जुटाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि वे ईरान को कोई रियायत दे रहे हैं।

क्या कहना है ईरान का?

अन्य पक्षों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और यूरोपीय संघ को समझौते की वार्ता में शामिल करने के लिए छूट आवश्यक है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने ट्वीट किया, ‘हमने ईरान को प्रतिबंधों से राहत नहीं दी है। हम ईरान के ‘संयुक्त व्यापक कार्य योजना’ (जेसीपीओए) के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं पर वापस लौटने तक ऐसा नहीं करेंगे।’ ईरान का कहना है कि वह समझौते की शर्तों का सम्मान नहीं कर रहा है क्योंकि अमेरिका ही पहले इससे अलग हो गया था। ईरान ने सभी प्रतिबंधों से राहत की बहाली की मांग की है।

ट्रंप शासन ने कर दी थी छूट खत्म

ट्रंप प्रशासन ने मई 2020 में ईरान के खिलाफ अपने ‘अधिकतम दबाव’ अभियान के तहत छूटों को समाप्त कर दिया था। डोनाल्ड ट्रंप ने इसे सबसे खराब राजनयिक समझौता बताया था। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में जो बिडेन ने परमाणु समझौते में अमेरिका की वापसी को प्राथमिकता दी और उनके प्रशासन ने इस लक्ष्य पर काम किया। हालांकि एक साल पहले उनके पदभार ग्रहण करने के बाद से उस दिशा में बहुत कम प्रगति हुई है। प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि वियना वार्ता को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए छूट को बहाल किया जा रहा है।

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