Summit on Democracy:अमेरिका ने 110 देशों को बुलाया, लेकिन चीन का कर दिया बायकॉट; ताइवान को मिली तवज्जो

अपनी हरकतों के चलते चीन(China) अब अमेरिका(America) की आंखों की किरकिरी भी बनता जा रहा है। अमेरिका ने 9 और 10 दिसंबर को लोकतंत्र पर एक वर्चुअल समिट(Virtual Summit on Democracy) बुलाई है। इसमें 110 देशों को आमंत्रित किया गया है, लेकिन चीन को नहीं बुलाया गया है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 24, 2021 3:42 AM IST / Updated: Nov 24 2021, 09:18 AM IST

नई दिल्ली. लोकतांत्रिक व्यवस्था(Democracy) का मजाक बनाते आ रहे चीन (China) से अब धीरे-धीरे दुनिया के कई देश दूरियां बनाने लगे हैं। भारत से उसके कड़वे रिश्ते किसी से छुपे नहीं है। अब अमेरिका भी चीन का बहिष्कार(boycott) करने लगा है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन(Joe Biden) ने 9-10 दिसंबर को लोकतंत्र पर एक वर्चुअल समिट(Summit on Democracy) बुलाई है। इसमें करीब 110 देशों को बुलाया गया है। लेकिन चीन को आमंत्रित नहीं किया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें चीन के धुर विरोधी ताइवान को भी बुलाए जाने की खबर है।

तुर्की को भी नहीं बुलाया
इस वर्चुअल समिट में नाटो के सदस्य देश तुर्की को भी नहीं बुलाया जा रहा है। अमेरिकी विदेश विभाग की वेबसाइट पर पोस्ट की गई सूची के अनुसार, फाइनल लिस्ट में रूस को छोड़ दिया गया है। दक्षिण एशिया क्षेत्र में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका को जगह नहीं दी गई है। 

तुर्की और पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में
आतंकवादियों को फंडिंग रोकने में नाकाम तुर्की और पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स(FATF) की निगरानी सूची (ग्रे लिस्ट) में बने हुए हैं। FATF के अध्यक्ष डॉ. मार्कस प्लीयर यह साफ कर चुके हैं  कि अगले वर्ष मार्च-अप्रैल में अगर इन दोनों के अलावा पाक को किसी तीसरे देश का समर्थन नहीं मिला तो यह ब्लैक लिस्ट में चला जाएगा।

ताइवान को लेकर चीन अलग-थलग पड़ा
चीन और ताइवान के बीच लगातार तनाव बढ़ रहा है। चीन इसे अपना अभिन्न हिस्सा बता रहा तो ताइवान खुद को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर चुका है। हाल में ताइवान रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि दो H-6s ने बाशी चैनल में उड़ान भरी। ये दोनों परमाणु बम गिराने वाले चीन के घातक विमान हैं। अमेरिका ताइवान की मदद का ऐलान कर चुका है। 

दुनिया में 56 देश पूरी तरह से लोकतांत्रिक
बता दें कि भारत, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया समेत सिर्फ 56 देशों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन होता है।

अजरबैजान, बहरीन, बेलारूस, चीन, क्यूबा, एरिट्रिया, ईरान, कजाकिस्तान, कुवैत, लाओस, उत्तर कोरिया, ओमान, कतर, सऊदी अरब, स्वाजीलैंड, सीरिया, तुर्कमेनिस्तान, यूएई, वियतनाम और उज्बेकिस्तान में निरंकुश शासन हैं।

आमतौर पर ज्यादातर मुस्लिम देश तानाशाही या राजशाही में जी रहे हैं। पाकिस्तान जैसे देशों में लोकतंत्र है, लेकिन बुरी हालत में। इंडोनेशिया दुनिया की सबसे बड़ी मुसलिम आबादी वाला देश है। बावजूद यहां लोकतंत्र सुचारू रूप से काम कर रहा है।

1947 में भारत से अलग होकर बने पाकिस्तान में तख्तापलट आम बात है। अभी यहां लोकतंत्र है और इमरान खान प्रधानमंत्री हैं। लेकिन यहां लोकतांत्रिक व्यवस्था चरमराई हुई है।

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