इजराइल-हमास के बीच जारी युद्ध के दौरान हमास ने दो अमेरिकियों के अलावा दो और होस्टेजेस को रिहा किया है। हमास आतंकियों की कैद से निकली बुजुर्ग महिला ने खौफनाक सच बयां किया है।
Israel Hamas War: इजराइल-हमास के बीच जारी युद्ध के दौरान हमास ने दो अमेरिकियों के अलावा दो और होस्टेजेस को रिहा किया है। हमास आतंकियों की कैद से निकली बुजुर्ग महिला ने खौफनाक सच बयां किया है।
हमास ने रिहा किए दो बंधक
फिलीस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने हाल ही में दो अमेरिकियों सहित दो इजराइली महिलाओं को भी रिहा किया है। हमास आतंकियों की कैद से रिहा 85 वर्षीय योचेवेद लिफ्सचिट्न अपनी दर्दनाक कहानी शेयर की है। हमास ने इस महिला का अपहरण उस वक्त किया था जब आतंकी मोटर साइकिलों से गाजा में घुसे थे। इस दौरान महिला को चोट भी लगी और कई परेशानियों से गुजरना पड़ा। महिला ने बताया कि इजराइली सरकार ने बॉर्डर को सील तो किया था लेकिन आतंकी उसे तोड़कर अंदर घुस गए।
मोटरसाइकिल से ले गए थे हमास आतंकी
दर्दनाक अनुभव को याद करने में अपनी मां की सहायता करते हुए लिफ्सचिट्ज की बेटी शेरोन ने कहा कि मां मोटरसाइकिल पर ले जाया गया था। उसने चोट के बारे में भी बताया और कहा कि उसकी मां को लाठियों से पीटा गया। बुजुर्ग महिला को गीली जमीन पर कई किलोमीटर पैदल चलाया गया। उसे जमीन के भीतर बने सुरंगों में जाया गया था। वह सुरंगे मकड़ी के जाले जैसी हैं। इससे पहले हमास के कसम ब्रिगेड ने वीडियो जारी किया और बंधकों नुरिट कूपर और योचेवेद को रेडक्रास के हाथों सौंप दिया। वीडियो में दोनों महिलाएं नकाशपोश बंदूकधारियों से घिरी हैं और धीरे-धीरे चलती दिखीं। वे काफी डरी हुई दिखाई दीं।
शांति कार्यकर्ता है बुजुर्ग महिला
वीडियो में देखा जा सकता है कि लास्ट में महिला बंदूकधारी से हाथ मिलाने के लिए हाथ आगे बढ़ाती हैं। दरअसल, वे शांति कार्यकर्ता हैं और उनके पति ने कई वर्षों तक गाजा के हॉस्पिटल में बीमार फिलीस्तीनियों के लिए काम किया है। रिहा होने के बाद भी महिला बातचीत करने में सहज नहीं हैं।
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