रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) श्रीलंका के 8वें राष्ट्रपति बन गए हैं। आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में पिछले कई महीनों से राजनीतिक सकंट चल रहा है। इससे पहले राष्ट्रपति रहे गोटबाया राजपक्षे पर इस्तीफा देने का काफी दबाव था।
Sri Lanka New President: श्रीलंका में चल रहे आर्थिक और राजनीतिक संकट के बीच रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) वहां के नए राष्ट्रपति बन गए हैं। रानिल को 134 वोट मिले, जबकि राष्ट्रपति पद के सबसे मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे दुलस अल्हाप्परुमा को 82 वोट ही मिले। रानिल विक्रमासिंघे यूएनएपी (UNP) पार्टी के नेता हैं। 73 साल के रानिल विक्रमासिंघे 6 बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
कौन है रानिल विक्रमासिंघे :
24 मार्च, 1949 को श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में पैदा हुए रानिल विक्रमासिंघे 1994 से यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) के प्रमुख रहे हैं। ग्रैजुएशन के बाद रानिल ने सीलोन लॉ कॉलेज से एडवोकेट की पढ़ाई की। 70 के दशक में रानिल ने पॉलिटिक्स में किस्मत आजमाई और 1977 में पहली बार सांसद बने।
कब-कब प्रधानमंत्री बने विक्रमसिंघे :
मई, 1993 में वो पहली बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री बने। 18 अगस्त, 1994 तक वो इस पद पर हरे। इसके बाद उन्हें 2015 में राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना द्वारा प्रधान मंत्री नियुक्त किया गया । हालांकि, विक्रमसिंघे को अक्टूबर, 2018 में उस वक्त के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था। फिर 2 महीने बाद ही सिरीसेना ने उन्हें वापस प्रधानमंत्री बनाया था। 2019 में रानिल ने अपनी ही पार्टी के दवाब के चलते प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया था। इसके बाद श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच जब मई, 2022 में महिंदा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया तब विक्रम रानिलसिंघे को नया प्रधानमंत्री बनाया गया था।
क्या है श्रीलंका का संकट :
श्रीलंका की आर्थिक बदहाली की वजह जरूरत से ज्यादा कर्ज लेना है। कोरोना संकट के बीच श्रीलंका ने चीन से लगातार कर्ज लिया। इसके बाद 2019 में चुनावी वादा पूरा करने के लिए महिंदा राजपक्षे की सरकार ने टैक्स घटा दिया, जिससे आर्थिक संकट और गहरा गया। हालात ये हो गए कि श्रीलंका में आटा, दाल, सिलेंडर, दूध, सब्जी की कीमतें आसमान छूने लगीं।
ये भी देखें :
रानिले विक्रमसिंघम के रूप में 'सिंघम' रिटर्न, भारत के लिए Good News, पर चीन को लगेगी मिर्ची, ये है बड़ी वजह