सार
करीब 4 महीने के लंबे जनआंदोलन के बाद श्रीलंका के नए राष्ट्रपति का फैसला हो गया। इस रेस में रानिल विक्रमसिंघे ने दुल्लास अलहप्परुमा और अनुरा कुमारा दिसानायके को मैदान में पीछे छोड़कर बाजी मार ली है। श्रीलंका में राष्ट्रपति के इलेक्शन के 44 साल के इतिहास में पहली बार त्रिकोणीय मुकाबला हुआ। पढ़िए पूरी घटनाक्रम...
वर्ल्ड न्यूज डेस्क. श्रीलंका में पिछले 4 महीने से जारी सियासी संकट(Sri Lanka political crisis) खत्म होने जा रहा है। करीब 4 महीने के लंबे जनआंदोलन के बाद आज(20 जुलाई) को श्रीलंका के नए राष्ट्रपति का फैसला हो गया। रानिल विक्रमसिंघे देश के नए राष्ट्रपति होंगे। अभी तक वे कार्यवाहक राष्ट्रपति थे। इस रेस में उनका मुकाबला पोदुजाना पेरामुना (SLPP) के दुल्लास अलहप्परुमा और जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके से था। श्रीलंका में राष्ट्रपति इलेक्शन के 44 साल के इतिहास में पहली बार त्रिकोणीय मुकाबला हुआ। हालांकि अब नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती श्रीलंका को आर्थिक संकट(economic crisis in sri lanka) से उबारना है। इससे पहले 19 जुलाई को जब बैठक में दिसानायके ने घोषणा करते हुए कहा था कि 225 सांसदों में एक के राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया राष्ट्रपति चुनाव (विशेष प्रावधान) अधिनियम संख्या के प्रावधानों के अनुसार होगी। पढ़िए पूरा घटनाक्रम...
श्रीलंका के 8वें राष्ट्रपति बने रानिल विक्रमसिंघे
रानिल विक्रमसिंघे को 134 वोट मिले। दुल्लास अलहप्परुमा को 82, जबकि अनुरा कुमारा दिसानायके को सिर्फ 3 वोट मिले। 223 सांसदों ने वोटिंग की। 2 ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। 4 वोट इनवैलिड हुए। इस तरह 219 वोट वैध रहे। रानिल विक्रमसिंघे ने अगस्त 2020 में संसदीय चुनावों के बाद यूनाइटेड नेशनल पार्टी की नेशनल लिस्ट से संसद पहुंचे थे। श्रीलंका के इतिहास में यह पहली बार था कि एक राष्ट्रपति का चुनाव कराने के लिए संसद में मतदान हुआ। गोटबाया राजपक्षे द्वारा पद खाली छोड़े जाने के बाद यह मतदान हुआ। उन्होंने 14 जुलाई 2022 को इस्तीफा दे दिया था।
साजिथ प्रेमदासा रेस से हो गए थे बाहर
समागी जाना बालवेगया(Samagi Jana Balavegaya) और विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा( Opposition Leader Sajith Premadasa) 19 जुलाई को दुलस अलहप्परुमा के नेतृत्व वाले SLPP डेलिगेशन के साथ चर्चा के बाद राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो गए थे। इस बीच ग्लोबल तमिल फोरम (GTF) ने कहा है कि सरकार के परिवर्तन से वास्तविक लोकतांत्रिक और बहुलवादी आधुनिक राज्य( pluralistic modern state) का निर्माण होना चाहिए, जो एक ऐसे संविधान के साथ स्थापित हो, जो संसद को पर्याप्त नियंत्रण और संतुलन के साथ सत्ता का केंद्र बनने और जनता के प्रति पूर्ण जवाबदेही के लिए सशक्त बनाए। उल्लेखनीय है कि 14 जुलाई गोटबाया राजपक्षे ने मालदीव से सिंगापुर पहुंचने के बाद ई-मेल के जरिये अपना इस्तीफा अध्यक्ष को भेजा था। इसके बाद 16 तारीख को संसद का सत्र बुलाया गया था। संसद के महासचिव ने सदन को घोषणा की कि राष्ट्रपति का पद खाली हो गया है।
श्रीलंका में 225 सांसद हैं
श्रीलंका में 225 सांसदों में से एक राष्ट्रपति चुना गया। 73 वर्षीय रानिल विक्रमसिंघे छह बार के पूर्व प्रधान मंत्री हैं। उन्हें सबसे बड़े ब्लॉक श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (SLPP) का समर्थन रहा है।
रानिल के मुख्य प्रतिद्वंद्वी SLPP के असंतुष्ट और पूर्व शिक्षा मंत्री दुल्लास अलहप्परुमा थे। वे एक पूर्व पत्रकार हैं, जिन्हें विपक्ष का समर्थन प्राप्त रहा।
तीसरे उम्मीदवार 53 वर्षीय अनुरा दिसानायके थे, जो नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) के नेता हैं, जिनके गठबंधन के पास तीन संसदीय सीटें हैं।
देश की सबसे बड़ी तमिल पार्टी तमिल नेशनल अलायंस (TNA) ने संसदीय वोट में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार दुल्लास अल्हाप्परुमा का समर्थन किया था।
1993 में पूर्व राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के निधन के बाद अगले राष्ट्रपति के रूप में मतदान के बिना सर्वसम्मति से राष्ट्रपति के शेष कार्यकाल के लिए डीबी विजेतुंगा चुने गए थे। लेकिन इस बार तीन उम्मीदवार होने के कारण मतदान कराया गया।
जानिए श्रीलंका में पिछले 4 महीन में कब क्या हुआ?
31 मार्च 2022: आर्थिक संकट गहराने पर श्रीलंका में प्रदर्शन का दौर
1 अप्रैल: राष्ट्रपति गोठबाया राजपक्षे ने नेशनवाइड इमरजेंसी का ऐलान किया
3 अप्रैल: मंत्रिमंत्रडल भंग किया गया, लेकिन PM महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा देने से इनकार किया
9 अप्रैल: PM ऑफिस के बाहर जबर्दस्त प्रदर्शन
9 मई: हिंसा होने के बाद PM महिंदा राजपक्षे को इस्तीफा देना पड़ा
9 जुलाई: प्रदर्शनकारी ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा किया, PM रानिल विक्रमसिंघे ने इस्तीफे का ऐलान किया
10 जुलाई: राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे राष्ट्रपति भवन छोड़कर भागे
11 जुलाई: संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने बताया कि देश में 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चुनाव होगा। हालांकि तब तक दावा किया था कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश में ही मौजूद हैं
13 जुलाई: श्रीलंका से भागकर राजपक्षे मालदीव पहुंचे। गोटबाया सोवियत काल के एंटोनोव एएन-32 प्राइवेट प्लेन से अपनी पत्नी और दो बॉडीगार्ड को लेकर मालदीव पहुंचे थे।
14 जुलाई: गोटबाया मालदीव से सिंगापुर पहुंचे और यहां से ईमेल के जरिये अपना इस्तीफा भेज दिया
15 जुलाई: गोटबाया के इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की
20 जुलाई: श्रीलंका के नए राष्ट्रपति का चुनाव
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