कौन है 26/11 हमले का गुनहगार तहव्वुर राणा?, भारत लाकर सजा देने का खुला रास्ता

अमेरिका की एक अदालत ने मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमले के गुनहगार तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की अनुमति दी है। वह पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है।

 

Vivek Kumar | Published : Aug 17, 2024 8:28 AM IST / Updated: Aug 17 2024, 02:31 PM IST

वर्ल्ड डेस्क। 26/11 मुंबई आतंकी हमला (Mumbai terror attacks) के आरोपी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) को भारत लाकर सजा देने का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिका की एक अदालत ने उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी है।

तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। वह कनाडा में कारोबार करता है। 2008 में 26 नवंबर को मुंबई में हुए आतंकी हमले में उसकी भूमिका थी। नौवें सर्किट के लिए अमेरिकी अपील कोर्ट ने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि राणा के प्रत्यर्पण की अनुमति देती है। राणा अभी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है।

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कौन है तहव्वुर राणा?

तहव्वुर राणा पाकिस्तानी सेना का पूर्व डॉक्टर है। बाद में वह कनाडा चला गया और कारोबार करने लगा। वह फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज चलाता है। उसपर मुंबई में हुए आतंकी हमले की साजिश में शामिल होने के आरोप हैं। 63 साल का राणा इस समय अमेरिका के लॉस एंजिल्स के जेल में बंद है। भारत ने उसके प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध किया है। NIA 26 नवंबर 2008 के आतंकवादी हमले में संलिप्तता के लिए राणा की तलाश कर रही है।

राणा के संबंध डेविड कोलमैन हेडली से थे। राणा ने मुंबई हमलों को अंजाम देने में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की मदद की। हेडली अमेरिकी नागरिक है। उसका कुछ हिस्सा पाकिस्तानी मूल का है। वह 2008 के मुंबई हमलों की योजना बनाने में शामिल था। इस जुर्म के लिए उसे 35 साल जेल की सजा मिली है। राणा पर डेनमार्क के एक अखबार पर हमले की योजना बनाने में सहायता करने का भी आरोप है। इसमें हेडली भी शामिल था।

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पाकिस्तानी आतंकियों ने किया था मुंबई पर हमला

बता दें कि पाकिस्तान के 10 आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया था। आतंकियों ने 60 घंटे तक अधिक समय तक मुंबई के कई प्रसिद्ध जगहों पर लोगों को बंधक बनाए रखा। इनमें छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, ताज महल होटल, नरिमन हाउस और कामा एंड अलब्लेस अस्पताल शामिल हैं। इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 6 अमेरिकी थे। कई घंटों तक चले ऑपरेशन के बाद NSG और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के कमांडो ने 9 आतंकियों को मार डाला था। एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था।

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