आखिर क्यों चीन में 'प्रोटेस्ट' सर्च करने पर दिख रहा 'पोर्न', इसके पीछे कहीं सरकार की ये मंशा तो नहीं?

चीन की जीरो कोविड पॉलिसी (Zero Covid Policy) के चलते पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसे में वहां की कम्युनिस्ट सरकार इन आंदोलनों को कुचलने के हर प्रयास कर रही है। एक तरफ जहां सादी ड्रेस में तैनात पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर चीन में प्रोटेस्ट जैसे शब्दों को सेंसर कर दिया गया है।

Zero Covid Policy Protest: चीन की जीरो कोविड पॉलिसी (Zero Covid Policy) के चलते पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसे में वहां की कम्युनिस्ट सरकार इन आंदोलनों को कुचलने के हर प्रयास कर रही है। एक तरफ जहां सादी ड्रेस में तैनात पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर चीन में प्रोटेस्ट जैसे शब्दों को सेंसर कर दिया गया है। यही वजह है कि कई शहरों में प्रोटेस्ट सर्च करने पर करने पर पोर्न से जुड़े लिंक नजर आ रहे हैं। इस बात का खुलासा चीनी-अमेरिकी रिसर्चर मेंग्यू डोंग ने किया है। 

'प्रोटेस्ट' सर्च करने पर दिख रहा 'पोर्न'
दरअसल, चीन में सोशल मीडिया पर बीजिंग या शंघाई शहर में 'प्रोटेस्ट' सर्च करने पर रिजल्ट के तौर पर उससे रिलेटेड खबर की जगह पोर्न वीडियो के लिंक सामने आ रहे हैं। इतना ही नहीं, कुछ यूजर्स को कॉलगर्ल के विज्ञापन तक देखने को मिल रहे हैं। ऐसा तब हो रहा है, जब चीन में जीरो कोविड पॉलिसी के विरोध में आंदोलन काफी बढ़ चुका है। 

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आंदोलन कुचलने के लिए चीन ने निकाला रास्ता : 
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर मेंग्यू डोंग के मुताबिक, अगर चीन का रहने वाला कोई शख्स इंटरनेट पर सर्च कर ये जानना चाहता है कि बीते दिनों चीन में क्या हुआ, तो उसे नॉट सूटेबल फॉर वर्क दिखाई देता है। उनका कहना है कि ऐसा जान-बूझकर किया जा रहा है ताकि चीन में हो रहे विरोध-प्रदर्शन और आंदोलन को कुचला जा सके और लोग जीरो कोविड नीति के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों के बारे में बात न कर सकें। 

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पहले भी ऐसा कर चुका है चीन : 
बता दें कि आंदोलन को कुचलने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर गलत लिंक दिखाना चीन के लिए नई बात नहीं है। 2019 में हॉन्गकॉन्ग में हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान भी चीन ने इसे अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआई की साजिश बताया था। इस दौरान चीन में ट्विटर और फेसबुक पर फर्जी अकाउंट्स बनवाकर लोगों से जानबूझकर चीन का समर्थन करने के लिए कहा गया था।

क्या है जीरो कोविड पॉलिसी?
चीन में एक बार फिर कोरोना के केस बहुत तेजी से बढ़ने लगे हैं। रविवार यानी 27 नवंबर को कोरोना के 40 हजार से ज्यादा केस सामने आए हैं। वहीं, एक्टिव केस का आंकड़ा भी 3 लाख से ज्यादा हो गया है। ऐसे में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पूरे देश में कई तरह के प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। चीन में कोरोना पर काबू पाने के लिए वहां की सरकार जीरो कोविड पॉलिसी के तहत बेहद सख्त रवैया अपना रही है। 

जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ क्यों भड़के लोग?
बता दें कि चीन में पिछले 10 महीनों से जीरो कोविड पॉलिसी लागू है। इसके चलते पहले से ही कई तरह की पाबंदियां लागू हैं। हालांकि, 25 नवंबर को  शिंजियांग में एक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के 15वें माले पर भीषण आग लगी गई, जिसमें 10 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। लॉकडाउन के चलते वक्त रहते मदद नहीं मिल पाई, जिसे लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। 

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