भारत कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। इतना ही नहीं देश के तमाम हिस्सों से ऑक्सीजन , बेड, वेंटिलेटर्स और दवाओं की कमी की खबरें सामने आ रही हैं। कोरोना के खिलाफ जंग में दुनिया के तमाम देश भारत की मदद के लिए आगे आए हैं।
नई दिल्ली. भारत कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। इतना ही नहीं देश के तमाम हिस्सों से ऑक्सीजन , बेड, वेंटिलेटर्स और दवाओं की कमी की खबरें सामने आ रही हैं। कोरोना के खिलाफ जंग में दुनिया के तमाम देश भारत की मदद के लिए आगे आए हैं। ये देश भारत को जरूरी मेडिकल उपकरण, वेटिंलेटर, दवाएं, ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर जैसे उपकरण भेज रहे हैं। आईए देखते हैं कि कोरोना के खिलाफ जंग में भारत के साथ कौन कौन से देश साथ आए हैं।
किस देश ने क्या की मदद?
अमेरिका: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 अप्रैल को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से फोन पर बात की थी। इस दौरान जो बाइडेन ने भरोसा दिलाया था कि कोरोना के खिलाफ जंग में अमेरिका और भारत मिलकर काम करेंगे। अमेरिका ने कहा कि वह भारत में बन रही कोविशील्ड वैक्सीन के लिए जरूरी कच्चा माल भारत को देगा। ताकि वैक्सीन का निर्माण और तेजी से हो सके। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, अमेरिका भारत की मदद करने को लेकर दृढ़-संकल्पित है।
वहीं, व्हाइट हाउस ने कहा, दोनों देश सात दशकों तक स्वास्थ्य सेक्टर में सहयोगी रहे हैं। महामारी की शुरुआत में जैसे भारत ने अमेरिका की मदद की थी, वैसे ही अब जरूरत के वक्त में अमेरिका मदद करेगा। इतना ही नहीं अमेरिका के न्यूयॉर्क से 318 ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर भारत भेजे गए। यह 26 अप्रैल को भारत पहुंचे।
ब्रिटेन: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कोरोना के खिलाफ जंग में भारत की मदद करने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा, वे देख रहे हैं कि कैसे वे भारत की मदद कर सकते हैं। जॉनसन ने कहा था कि उनकी सरकार भारत के साथ मिलकर काम कर रही है। इतना ही नहीं, ब्रिटेन 300 से अधिक ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर समेत 600 मेडिकल डिवाइस भारत भेजे जा रहे हैं। इसके अलावा दवाओं और मेडिकल सामानों की 9 खेप भारत भेजी जाएंगी। पहली खेप मंगलवार को दिल्ली पहुंचेगी।
फ्रांस : फ्रांस ने दो चरणों में सामान भेजने का ऐलान किया है। फ्रांस भारत को 8 बड़े ऑक्सीजन जनरेटिंग प्लांट, लिक्विड ऑक्सीजन, 28 रेस्पिरेटर और 200 इलेक्ट्रिक सिरिंज और 5 लिक्विड ऑक्सीजन कंटेनर भेजने का ऐलान किया है। फ्रांस के राष्ट्र्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रविवार को कहा, वे कोरोना के खिलाफ लड़ रहे भारत को आने वाले दिनों में ऑक्सीजन वेंटिलेटर देंगे।
चीन भी आया आगे: श्रीलंका में चीनी दूतावास ने कहा, महामारी के मुश्किल वक्त में चीन भारत के साथ है। उन्होंने बताया कि हॉन्ग कॉन्ग से 800 ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर भारत भेजे गए हैं। आने वाले 7 दिनों में 10 हजार ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर भेजे जाएंगे।
आयरलैंड: आयरलैंड भारत को इस हफ्ते 700 ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर , 1 ऑक्सीजन जनरेटर और 365 वेंटिलेटर भेजेगा।
बेल्जियम : बेल्जियम ने रेमडेसिविर की 9,000 खुराक भेजने का वादा किया है।
रोमनिया: रोमनिया ने 80 ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर और 75 ऑक्सीजन सिलेंडर भेजने का ऐलान किया है।
स्वीडन: 120 वेंटिलेटर उपलब्ध करा रहा है। इसके अलावा लग्जमबर्ग ने 58 वेंटिलेटर भेजने का वादा किया है।
पुर्तगाल: पुर्तगाल ने रेमडेसिविर के 5,503 इंजेक्शन और हर हफ्ते 20,000 लीटर ऑक्सीजन भारत भेजने का ऐलान किया है।
जर्मनी : जर्मनी मोबाइल ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट भेज रहा है, जिसे तीन महीने के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इसके आलावा जर्मनी 120 वेंटिलेटर और आठ करोड़ केएन95 मास्क भी भेजेगा।
ऑस्ट्रेलिया : ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने 500 वेंटिलेटर, 10 लाख सर्जिकल मास्क, 5 लाख पी2, एन 95 मास्क, एक लाख चश्मे, 1 लाख ग्लव्स, 20 हजार फेस शील्ड भेजने का वादा किया है।
सिंगापुर: सिंगापुर भारत को 500 बीपाप्स, 250 ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर, 4 ऑक्सीजन कंटेनर और अन्य मेडिकल सप्लाई देने के लिए कहा है।
सऊदी अरब: सऊदी अरब 80 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन भारत भेज रहा है।
यूएई- यूएई 6 क्रोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनर भारत भेज रहा है।
हॉन्गकॉन्ग- हॉन्गकॉन्ग ने भारत को 800 ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर भेजने का भरोसा दिलाया है।
थाईलैंड- थाईलैंड भारत को 4 क्रोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनर देगा।
भूटान- भूटान असम को 40 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन हर दिन भेजेगा।
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