
2023 के टॉमटॉम ट्रैफ़िक सूचकांक के अनुसार, ट्रैफ़िक जाम में एशिया के सबसे खराब स्थानों की सूची में भारत का टेक हब बेंगलुरु भी शामिल है। शहर के ड्राइवरों को केवल 10 किलोमीटर की यात्रा करने में औसतन 28 मिनट 10 सेकंड लगते हैं। यानी हर साल 132 घंटे बेंगलुरु शहर में लोग ट्रैफ़िक जाम में फंसे रहते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बेंगलुरु की सड़कें एशिया की सबसे धीमी सड़कें हैं। सूची में शामिल एक अन्य भारतीय शहर पुणे है। यहां 10 किलोमीटर की यात्रा करने में औसतन 27 मिनट 50 सेकंड का समय लगता है। लेकिन, दुनिया में अब तक का सबसे लंबा ट्रैफ़िक जाम 2010 में बीजिंग-तिब्बत एक्सप्रेसवे पर लगा था। उस समय लोग 12 दिनों तक ट्रैफ़िक जाम में फंसे रहे थे।
ट्रैफ़िक जाम में फंसने पर 10 मिनट भी 10 घंटे जैसे लगते हैं, ऐसे में बीजिंग-तिब्बत एक्सप्रेसवे पर फंसे लोगों को एक बार में 12 दिनों तक इंतजार करना पड़ा। इतिहास के सबसे लंबे ट्रैफ़िक जाम में फंसे हजारों वाहन चालकों के लिए यह एक दुर्भाग्यपूर्ण वास्तविकता थी। 100 किलोमीटर से अधिक लंबे इस ट्रैफ़िक जाम में एक हफ्ते से ज़्यादा समय तक जनजीवन पूरी तरह ठप रहा।
2010 में 14 अगस्त को एक्सप्रेसवे पर सड़क निर्माण कार्य के दौरान यह असामान्य ट्रैफ़िक जाम लगा। निर्माण क्षेत्र में पहुंचे भारी वाहन ट्रैफ़िक जाम का कारण बने। कोयला ढोने वाले ट्रक और मंगोलिया से बीजिंग तक निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहन ट्रैफ़िक जाम का हिस्सा बने। इस बीच, इन ट्रकों में से कई खराब हो गए, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। आखिरकार, 12 दिनों के बाद, 26 अगस्त 2010 को, दुनिया का सबसे लंबा ट्रैफ़िक जाम धीरे-धीरे साफ हो गया।
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