17 की उम्र में किया सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, अब 26 साल की उम्र में मिली सजा-ए-मौत

सऊदी अरब सरकार लगातार यह कह रही है कि बचपन में किए गए अपराधों के लिए मौत की सजा नहीं दी जाएगी। ऐसे अपराधियों को बाल सुधार गृह में भेजा जाएगा। वहां दस साल तक रखा जाएगा।

रियाद। सऊदी अरब में दस साल पहले सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल एक युवक को मौत की सजा दी गई है। किशोरावस्था में युवक के प्रदर्शन में शामिल होने का आरोप है। सुरक्षा बलों ने एक फोटो के आधार पर युवक को गिरफ्तार किया और अब उसे सजा-ए-मौत की सजा दी गई। 

यह भी पढ़ेंः पाकिस्तान का क्रूर चेहराः MQM नेता शाहिद को जेल में टार्चर कर मार डाला, चार साल तक बिना सबूत रखा जेल में

Latest Videos

2011-12 में हुआ था प्रदर्शन

सऊदी सरकार के खिलाफ साल 2011-12 में प्रदर्शन दंगे हुए थे। इस दौरान कई जगह दंगे भी भड़क गए थे। बताया जा रहा है कि मुस्तफा हाशेम अल दारविश नाम का युवक भी उस प्रदर्शन और दंगों में शामिल था। उस वक्त युवक की उम्र 17 साल थी। पुलिस ने दारविश को प्रदर्शन के कई साल बाद 2015 में गिरफ्तार किया था।

सऊदी पुलिस ने कैसे किया अरेस्ट

दरअसल, सऊदी पुलिस के अनुसार दारविश के फोन में उसे एक फोटो मिली। इस फोटो से उसके प्रदर्शन में शामिल होने की पुष्टि हो गई। फोटो में वह प्रदर्शनकारियों के साथ नजर आ रहा है। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। दारविश को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसका एक कबूलनामा भी पेश किया था।

यह भी पढ़ेंः चीनी घुसपैठिया से एसटीएफ करेगी पूछताछ, 1300 भारतीय सिम खरीद भेज चुका है चीन, जासूसी का शक

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने किया दारविश का बचाव

मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने पुलिस के पेश किए गए दारविश के कबूलनामा को दबाव में लिखवाया गया बताया गया। दारविश के परिजन ने भी यह कहा कि पुलिस ने उससे क्रूर तरीके से पूछताछ की थी। कबूलनामा के लिए उसे शारीरिक व मानसिक तरीके से टार्चर किया गया था। परिवार के लोगों ने यह भी कहा कि उनके बेटे को सजा दे दी गई और बताया तक नहीं गया। एक वेबसाइट के जरिए उनको यह जानकारी मिली। 

सऊदी में नाबालिगों को मौत की सजा नहीं देने की बात झूठ

सऊदी अरब सरकार लगातार यह कह रही है कि बचपन में किए गए अपराधों के लिए मौत की सजा नहीं दी जाएगी। ऐसे अपराधियों को बाल सुधार गृह में भेजा जाएगा। वहां दस साल तक रखा जाएगा। हालांकि, मानवाधिकार संगठन रेप्रीव ने कहा कि सऊदी में दारविश को सजा देना यह साबित करता है कि सरकार का बयान झूठ है। यहां नाबालिगों को मौत की सजा दी जा रही है। क्योंकि दारविश अगर प्रदर्शन में शामिल भी हुआ तो उसकी उम्र महज 17 साल थी। ऐसे में उसे बचपन के किए अपराध के लिए मौत की सजा कैसे दी जा सकती है। 

यह भी पढ़ेंः हैदराबाद के बाद इन 9 शहरों में स्पूतनिक-वी वैक्सीन लग सकेगी, कोविन पोर्टल पर जल्द मिलेगा विकल्प
 

Share this article
click me!

Latest Videos

'चुनाव में उस वक्त ही हार गई थी भाजपा जब...' फिर चर्चा में आई यूपी उपचुनाव की एक घटना #Shorts
राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच हुई तीखी बहस
Kharmas 2024: दिसंबर में कब से लग रहे हैं खरमास ? बंद हो जाएंगे मांगलिक कार्य
संभल मस्जिद विवाद: हिंसा के बाद इंटरनेट सेवा पर रोक, स्कूल-कॉलेज बंद
'भविष्य बर्बाद न करो बेटा' सड़क पर उतरे SP, खुद संभाला मोर्चा #Shorts #Sambhal