
Ukraine US Peace Plan: रूस और यूक्रेन के बीच लगभग चार साल से चल रहा युद्ध एक ऐसे मोड़ पर पहुंच गया है, जहां दुनिया को शायद पहली बार “युद्ध खत्म होने की उम्मीद” दिखाई दे रही है, लेकिन इस उम्मीद के साथ एक बड़ी दुविधा भी जुड़ी है। अमेरिका ने यूक्रेन को एक ऐसा बड़ा और विवादित शांति प्रस्ताव (US Peace Plan) सौंपा है, जिसमें कीव को कई बड़ी रियायतें देनी पड़ सकती हैं। इस प्लान के कॉपी मिलने के बाद राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने इसे तुरंत सार्वजनिक नहीं किया, लेकिन स्वीकार किया कि बातचीत शुरू हो चुकी है। इस प्रस्ताव में ऐसे पॉइंट्स हैं जिन्हें सुनकर न केवल यूक्रेन की जनता, बल्कि यूरोप भी असहज हो गया है। कई देश इस बात से डरे हुए हैं कि कहीं शांति के नाम पर यूक्रेन को “समझौते के लिए मजबूर” न कर दिया जाए।
अमेरिका ने यूक्रेन को 28 पॉइंट वाला जो फ्रेमवर्क दिया है, उसमें एक बड़ा और विवादित पॉइंट यह है कि कीव को पूर्वी हिस्से का कुछ क्षेत्र छोड़ना पड़ सकता है। इसके अलावा अपनी सेना के आकार और हथियारों की क्षमता कम करने, और सुरक्षा समझौतों में बदलाव करने जैसे बड़े फैसले लेने पड़ सकते हैं। इसका मतलब है कि यूक्रेन को अपने नक्शे में बदलाव मंज़ूर करना पड़ सकता है-कुछ ऐसा, जिससे आम जनता और राजनीतिक पार्टियाँ दोनों ही नाराज़ हो सकती हैं। यही वजह है कि यूरोप के कई नेता इस प्लान पर खुलकर सवाल उठा रहे हैं। फ्रांस ने साफ कहा, “Peace cannot mean surrender.” यानी शांति का मतलब आत्मसमर्पण नहीं हो सकता।
सबसे बड़ा प्रश्न है कि ज़ेलेंस्की इस प्लान पर ट्रंप से होने वाली बातचीत में क्या निर्णय लेंगे? यूक्रेन अमेरिका की सैन्य और आर्थिक मदद पर काफी निर्भर है। ऐसे में यह बातचीत यूक्रेन के लिए राजनीतिक और सैन्य रूप से बहुत भारी साबित हो सकती है। अगले कुछ दिनों में ज़ेलेंस्की और US राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच होने वाली चर्चा युद्ध के भविष्य को तय कर सकती है। यह मीटिंग यूक्रेन के लिए या तो राहत लेकर आएगी… या फिर एक नई चिंता।
बातचीत ऐसे समय हो रही है जब यूक्रेन की स्थिति बेहद कमजोर मानी जा रही है:
US आर्मी का विशेष डेलीगेशन कीव पहले ही पहुंच चुका है। सूत्रों का कहना है कि अमेरिका अब रूस के अधिकारियों से भी सीधे बातचीत कर सकता है ताकि यह लड़ाई खत्म हो सके। यह कदम दुनिया की राजनीति में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।
EU की फॉरेन पॉलिसी चीफ़ काजा कैलास ने कहा कि "हमें रूस की तरफ से किसी समान रियायत का कोई सबूत नहीं मिला है।" यानि यूक्रेन को बड़े समझौते करने पड़ेंगे, लेकिन रूस क्या देगा-यह अभी रहस्य बना हुआ है। US के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट मार्को रुबियो ने भी माना कि स्थायी शांति के लिए “दोनों तरफ से कठिन त्याग” की जरूरत पड़ेगी। US का यह शांति प्रस्ताव एक तरफ युद्ध खत्म करने की उम्मीद जगाता है, तो दूसरी तरफ कई गंभीर सवाल भी खड़े करता है। जिनके जवाब के लिए दुनिया को अगले कुछ दिन और इंतजार करने पड़ेंगे।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।