8 मार्च बुधवार को पहले उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से वर्धमान और इसके बाद हस्त नक्षत्र होने से आनंद नाम के शुभ योग इस दिन रहेंगे। इनके अलावा शूल और गण्ड नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल दोपहर 12:37 से 02:05 तक रहेगा।
Numerology Rashifal: अंकों का जीवन के हर क्षेत्र में अपना खास महत्व है। ये अंक न सिर्फ हमारे लिए उपयोगी हैं बल्कि ये हमारे भविष्य को भी प्रभावित करते हैं। अंक ज्योतिष के माध्यम से भविष्य के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है।
आज (8 मार्च, बुधवार) चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इस दिन धुरेड़ी (होली) पर्व मनाया जाएगा। बुधवार को पहले उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से वर्धमान और इसके बाद हस्त नक्षत्र होने से आनंद नाम के शुभ योग इस दिन रहेंगे।
Aaj Ka Panchang: 7 मार्च, मंगलवार और पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से धूम्र नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। इसके अलावा धृति और शूल नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल दोपहर 3:33 से शाम 5:01 तक रहेगा।
अंकों के बिना जीवन जीने की कल्पना भी नहीं की जा सकती, क्योंकि जीवन के हर क्षेत्र में अंकों का विशेष महत्व है। ये अंक न सिर्फ हमारा जीवन सरल बनाते हैं बल्कि भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में भी सूचित करते हैं।
आज (7 मार्च, मंगलवार) फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि रहेगी। इस दिन अधिकांश क्षेत्रों में होलिका दहन किया जाएगा। मंगलवार और पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से धूम्र नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। राहुकाल दोपहर 3:33 से शाम 5:01 तक रहेगा।
Aaj Ka Panchang: 6 मार्च, सोमवार और मघा नक्षत्र के योग से ध्वांक्ष नाम का अशुभ योग इस दिन रहेगा। इसके अलावा सुकर्मा और धृति नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल सुबह 8:15 से 9:43 तक रहेगा।
अंक ज्योतिष को ही न्यूमरोलॉजी भी कहा जाता है। इसमें डेट ऑफ बर्थ यानी जन्म तारीख से व्यक्ति के भविष्य के बारे में गणना की जाती है। वैसे तो भारतीय विधा है, लेकिन वर्तमान में ये विदेशों में अधिक प्रचलित है।
6 मार्च, सोमवार को फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी और पूर्णिमा तिथि का संयोग बन रहा है। देश के कुछ हिस्सों में आज ही होलिका दहन का पर्व मनाया जाएगा। सोमवार और मघा नक्षत्र होने से ध्वांक्ष नाम का अशुभ योग इस दिन रहेगा।
दुनिया में भविष्य जानने की कई विधाएं प्रचलित हैं, टैरो कार्ड्स भी इनमें से एक है। इस विधा में ताश के पत्तों की तरह एक सेट होता है, जिसमें 78 पत्ते होते हैं। इन पत्तों के माध्यम से ही भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में बताया जाता है।