उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह को 'गुरु' कहा जाता है। यह धनु और मीन राशि के स्वामी हैं और कर्क इनकी उच्च राशि है जबकि मकर इनकी नीच राशि मानी जाती है। गुरु ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान और पुण्य को प्रभावित करते हैं। देवगुरु बृहस्पति कुंभ राशि में 23 फरवरी को अस्त होने वाले हैं। कुछ पंचांगों में इसका समय 22 फरवरी भी बताया गया है। ये ग्रह 30 दिनों तक अस्त रहते हुए 23 मार्च को पुन: उदय होगा। अस्त होने का अर्थ है कि किसी भी ग्रह का बुझ जाना या प्रभाव में कमी आना। गुरु के अस्त होने का सीधा प्रभाव 12 राशियों के लोगों पर दिखाई देगा, विशेष करके धनु और मीन राशि वालों के लिए यह अच्छी खबर नहीं है। आगे विस्तार पूर्वक जानिए राशि अनुसार, गुरु के अस्त होने का किस राशि पर कैसा असर होगा…