Amitabh Budholiya

बीएससी (बायोलॉजी), पोस्ट ग्रेजुएशन हिंदी साहित्य, बीजेएमसी (जर्नलिज्म)। करीब 25 साल का लेखन और पत्रकारिता में अनुभव। एशियानेट हिंदी में जून, 2019 से कार्यरत। दैनिक भास्कर और उसके पहले दैनिक जागरण और अन्य अखबारों में सेवाएं। 5 किताबें प्रकाशित की हैं
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सिर्फ मुसलमान ही नहीं, हिंदू भी हैं रोहिंग्या, 2 साल पहले इस टापू के कारण ग्लोबल मीडिया की चर्चा बने थे

Aug 18 2022, 09:31 AM IST

वर्ल्ड न्यूज. रोहिंग्या दो कारणों से फिर से मीडिया की खबरों में हैं। पहला-भारत ने उन खबरों को खारिज किया है, जिसमें कहा जा रहा था कि सरकार रोहिंग्या को EWS फ्लैट बनाकर देगी। दूसरा-बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में रोहिंग्या का सबसे बड़ा शरणार्थी शिविर(refugee camp) है। इस कैम्प में रहने वाले रोहिंग्या मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहे है। उन्हें इससे उबारने यूनाइटेड नेशनल पॉपुलेशन फंड(UNFPA)  अगले 2 वर्षों के लिए एक प्रोजेक्ट शुरू कर रहा है। इस पर करीब $1.38 मिलियन का खर्च किया जाएगा। आमतौर पर रोहिंग्या को मुसलमान ही माना जाता है। लेकिन इनमें हिंदू भी हैं। ये रोहिंग्या भाषा बोलते हैं। यूनाइटेड नेशंज इन्हें दुनिया का सबसे उत्पीड़ित अल्पसंख्यक मानती है। बता दें कि 1982 से म्यांमार में रोहिंग्या को नागरिकता देना बंद कर दिया है। जबकि म्यांमार में रोहिंग्या का इतिहास 8वीं सदी से माना जाता है। 2020 में बांग्लादेश ने रोहिंग्या को एक एकांत टापू- भासन चार में शिफ्ट करना शुरू किया था। तब इसकी ग्लोबल चर्चा हुई थी। पढ़िए रोहिंग्या से जुड़े कुछ फैक्ट्स...

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