Ashutosh Pathak

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी से लॉ (LL.B) किया है। दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका/पत्रिका, हिंदुस्तान पटना, patrika.com जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में कई एडिटोरियल पोस्ट और जिम्मेदारियों पर काम करने के बाद अब एशियानेट हिंदी से बतौर डिप्टी न्यूज एडिटर जुड़े हैं
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क्या है GI टैग, बनारसी साड़ी, बीकानेरी भुजिया और ओडिशा के रसगुल्ले के बाद भारत सरकार ने इस चीज को दिया ये तमगा

नई दिल्ली। जीआई टैग, जिसका पूरा नाम जियोगॉफ्रिकल इंडिकेशन टैग है, यह ऐसा लेबल होता है, जिससे किसी उत्पाद की खास भौगोलिक पहचान बनती या साबित होती है। भारत ने सरकार ने हाल ही में बिहार के मिथिलांचल में होने वाले मखाना को जीआई टैग दिया है। माना जा रहा है कि ऐसा करने से मखाना उत्पादकों के बिजनेस में बढ़ोतरी होगी और नई पहचान के साथ दाम अच्छा मिलने लगेगा। अब बात करते हैं मखाना और मखाना उत्पादकों की। मखाना भारत में मिथिला से ही देश और दुनियाभर में जाता है। यह प्राकृतिक रूप से खास प्रक्रिया के तहत उगाया और तैयार किया जाता है। आइए तस्वीरों के जरिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। 

हर चीते के शरीर की बिल्कुल अलग, कैद में भी रहे तो 20 साल जिंदा रहता है, पढ़ें शानदार जानवर से जुड़े रोचक तथ्य

ट्रेंडिंग डेस्क। भारत में चीता नाम का खूंखार जानवर इन दिनों जबरदस्त सुर्खियों में है। हो भी क्यों नहीं, आखिर 70 साल बाद प्रोजेक्ट चीता का सपना पूरा हुआ है, वो भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 72वें जन्मदिवस पर। शनिवार, 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 8 चीतों को छोड़ा। ये चीते अफ्रीकी देश नामीबिया से मालवाहक विमान के जरिए भारत लाए गए। आइए तस्वीरों के जरिए जानते हैं दुनिया के इस सबसे तेज जानवर के बारे में रोचक तथ्य।