Daily Rashifal 22 November 2023: 22 नवंबर, बुधवार को पद्म, लुंबक, हर्षण और वज्र नाम के 4 शुभ-अशुभ योग दिन भर रहेंगे। राहुकाल दोपहर 12:12 से 01:33 तक रहेगा। इस दिन चंद्रमा मीन राशि में प्रवेश करेगा, जिससे ग्रहण योग बनेगा।
Tulsi puja ke niyam: हर साल देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह की परंपरा निभाई जाती है। इस परंपरा में तुलसी के पौधे का विवाह भगवान शालिग्राम से करवाया जाता है। तुलसी को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र पौधा माना गया है।
Khatu Shyam Birthday 2023:भगवान खाटू श्याम का प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान के खाटू में स्थित है। रोज यहां हजारों लोग दर्शन करने आते हैं। यहां स्थित कुंड भी लोगों की आस्था का केंद्र है। बहुत कम लोग इन कुंड का रहस्य जानते हैं।
Year 2024 Festival Calendar: साल 2024 कुछ ही दिनों बाद शुरू होने वाला है। नया साल शुरू होते ही सभी के मन ये उत्सुकता जरूर रहती है कि इस बार दिवाली, दशहरा आदि प्रमुख त्योहार कब मनाए जाएंगे।
Life Management Tips: हमारे धर्म ग्रंथों में लाइफ मैनेजमेंट से जुड़ी अनेक बातें बताई गई हैं। ये बातें आज के समय में भी उपयोगी हैं। इन बातों का ध्यान रखा जाए तो कईं तरह की परेशानियों से बचा जा सकता है।
Devuthani Ekadashi Par Kya Na Kare: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहते हैं। इस एकादशी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु 4 महीने बाद नींद से जागते हैं। इस दिन कुछ काम भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
Devuthani Ekadashi 2023: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी और देवप्रबोधिनी एकादशी कहते हैं। इस एकादशी का महत्व कईं धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस दिन चातुर्मास समाप्त होते हैं।
Aaj ka Panchang 21 november 2023: 21 नवंबर को आंवला नवमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन मृत्यु, काण, व्याघात और हर्षण नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल दोपहर 02:54 से शाम 04:15 तक रहेगा।
Daily Rashifal 21 November 2023: 21 नवंबर, मंगलवार को आंवला नवमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन मृत्यु, काण, व्याघात और हर्षण नाम के 3 योग रहेंगे। राहुकाल दोपहर 02:54 से शाम 04:15 तक रहेगा।
Tulsi Vivah 2023 Kab Hai: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत ही पवित्र माना गया है। इस दिन व्रत करने से सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं और भगवान विष्णु की कृपा भी बनी रहती है। साल में 24 एकादशी होती है, इन सभी में देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व है।