उज्जैन (Ujjain) में देवी हरसिद्धि (Harsiddhi Mandir) का प्राचीन मंदिर स्थित है। ये मंदिर 52 शक्तिपीठो में से एक है। गुरुवार को मंदिर परिसर में स्थित दीपस्तंभ अपने आप ही जलने लगा। लोग इसे देवी का चमत्कार मान रहे हैं।
Chandal Yog 2023: 22 अप्रैल, 2023 से गुरु ग्रह मीन से निकलकर मेष राशि में आ चुका है। इस राशि में राहु पहले से स्थित है। राहु और गुरु एक ही राशि में होने से चांडाल नाम का अशुभ योग बन रहा है जो 20 अक्टूबर, 2023 तक रहेगा।
Guru Pushay 2023: ज्योतिष शास्त्र में पुष्य को नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार को होता है तो इसका बहुत ही शुभ माना जाता है। इस बार 27 अप्रैल, गुरुवार को ऐसा ही शुभ संयोग बन रहा है। कई सालों में एक बार ऐसा शुभ संयोग बनता है।
Badrinath Temple: 27 अप्रैल, गुरुवार की सुबह उत्तराखंड के चौथे धाम बद्रीनाथ मंदिर के कपाट आम दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए। इसी के साथ उत्तराखंड के चारों धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन लोग कर पाएंगे।
Ganga Saptami 2023: वैशाख शुक्ल सप्तमी को गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 27 अप्रैल, गुरुवार को है। मान्यता है कि इसी तिथि पर परमपिता ब्रह्मा के कमंडल से गंगा नदी की उत्तपत्ति हुई थी। गंगा को देवनदी भी कहते हैं।
27 अप्रैल, गुरुवार को सिद्धि, शुभ, धृति और शूल नाम के 4 योग बनेंगे। राहुकाल दोपहर 2:00 से 3:36 तक रहेगा। गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। ज्योतिषाचार्य चिराग बेजान दारूवाला से जानें कैसा बीतेगा आपका दिन…
27 अप्रैल, गुरुवार को पहले पुनर्वसु नक्षत्र होने से सिद्धि और उसके बाद पुष्य नक्षत्र होने से शुभ नाम के 2 योग बनेंगे। इसके अलावा धृति और शूल नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल दोपहर 2:00 से 3:36 PM तक रहेगा।
अंक जीवन के हर क्षेत्र में हमारे लिए उपयोगी हैं। जीवन की शुरूआत से लेकर अंत तक हर काम में हमें अंकों का सहारा लेना पड़ता है। अंक हमारे भविष्य के बारे में भी काफी कुछ बताते हैं।
26 अप्रैल, बुधवार को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी और सप्तमी तिथि का संयोग बन रहा है। बुधवार को पुनर्वसु नाम का नक्षत्र पूरे दिन रहेगा, जिससे गद नाम का अशुभ योग पूरे दिन रहेगा। इसके अलावा सुकर्मा और धृति नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे।