Rukmini Ashtami 2022: देवी लक्ष्मी ने ही द्वापरयुग में रुक्मिणी के रूप में जन्म लिया था और उनका विवाह भगवान श्रीकृष्ण के साथ हुआ था। हर साल पौष मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रुक्मिणी अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 16 दिसंबर, शुक्रवार को है।
Mahabharata: महाभारत में अनेक पराक्रमी योद्धाओं का वर्णन है, इनमें से कई योद्धाओं के पास देवताओं का वरदान भी था। ऐसा ही एक योद्धा था जयद्रथ। यही वो योद्धा था, जिसके कारण चक्रव्यूह में फंसकर अभिमन्यु की मृत्यु हुई।
Ekadashi Vrat 2023: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। एक महीने में 2 बार ये तिथि आती है। इस तरह साल में कुल 24 एकादशी तिथि होती है। इन सभी का नाम, महत्व, कथा और पूजा विधि अलग-अलग है।
Dattatreya Jayanti 2022: भगवान दत्त को त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) का संयुक्त अवतार माना जाता है। इनकी पूजा से हर तरह की परेशानी दूर हो सकती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस बार 7 दिसंबर को दत्त पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा।
Manu Smriti: हिंदू धर्म ग्रंथों में लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्र बताए गए हैं। इन बातों को ध्यान में रखा जाए तो अनेक परेशानियों से बचा जा सकता है। मनु स्मृति भी इन ग्रंथों में से एक है। इस ग्रंथ में लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्रों के बारे में बताया गया है।
Saphala Ekadashi 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, एक साल में कुल 12 महीने होते हैं। इनमें से दसवें महीने का नाम पौष है। धार्मिक दृष्टि से ये मास काफी विशेष है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं, सफला एकादशी भी इनमें से एक है।
Pradosh Vrat 2023: भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हर महीने में कुछ व्रत-उपवास किए जाते हैं। प्रदोष व्रत भी इनमें से एक है। ये व्रत दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर किए जाते हैं। वार के अनुसार, ये अलग-अलग योग भी बनाते हैं।
Sankashti Chaturthi 2022: भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए महीने में कई व्रत-उपवास किए जाते हैं, संकष्टी चतुर्थी भी इनमें से एक है। ये व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है। इस बार ये तिथि 11 दिसंबर, रविवार को है।
Temple of Lord Dattatreya: हिंदू धर्म में अनेक देवी-देवताओं की मान्यता है। भगवान दत्तात्रेय भी इनमें से एक है। कुछ ग्रहों में इन्हें भगवान विष्णु का अवतार कहा गया है तो कुछ में इन्हें त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) का संयुक्त अवतार माना जाता है।
Shukra Gochar December 2022: सौर मंडल का सबसे चमकीला ग्रह शुक्र 5 दिसंबर, सोमवार को वृश्चिक से निकलकर धनु में आ चुका है। इस राशि में ये ग्रह 29 दिसंबर तक रहेगा। इसके बाद ये राशि क्रम में आगे बढ़ेगा। शुक्र के राशि परिवर्तन का असर सभी लोगों पर दिखाई देगा।