Shani Rashifal 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि बाहरवें स्थान पर हो तो ढाई वर्ष तक उसकी दृष्टि कहलाती है। स्वयं की राशि में होने पर ये भोग कहलाती है। शनि आपकी राशि से दूसरे स्थान पर हो तो ढाई वर्ष तक शनि की लात कहलाती है।
Shani Rashifal 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी भी व्यक्ति की राशि से शनि जब बारहवें या उसकी स्वयं की राशि में या राशि से दूसरे स्थान पर हो तो इसे शनि की साढ़ेसाती कहते हैं। इस दौरान व्यक्ति को अपने परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
Shani Rashifal 2023: ज्योतिष में शनि का न्याय का देवता कहते हैं। उसके अनुसार, व्यक्ति जो भी बुरे कर्म अपने जीवन में करता है, उसका फल उसे शनि की महादशा, अंतरदशा, प्रत्यंतर दशा, शनि की साढ़ेसाती और ढय्या के दौरान मिल जाता है।
Shani Rashifal 2023: ज्योतिषियों के अनुसार, किसी भी व्यक्ति की जन्म कुण्डली में चंद्रमा जिस राशि में जिस डिग्री पर बैठा है उससे 45 डिग्री पहले जब गोचर का शनि आता है तो साढ़ेसाती शुरू होती है। ये पूरे साढ़े सात साल तक चलती है।
Shani Rashifal 2023: लोह धातु यानी लोहे पर भी शनिदेव का प्रभाव माना गया है। इसलिए शनिदेव की पूजा में हमेशा लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसा करना शुभ माना गया है और इससे शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं।
Shani Rashifal 2023: शनिदेव की पूजा में अक्सर काली और नीली चीजों का ही उपयोग किया जाता है जैसे काले तिल, काली उड़द, नीले फूल आदि। धर्म ग्रंथों में शनिदेव का रंग भी नीला बताया गया है। इसलिए उन्हें इस तरह की चीजें चढ़ाने की परंपरा है।
Shani Rashifal 2023:धर्म ग्रंथों में शनिदेव को कर्म फल दाता कहा गया है यानी हर व्यक्ति को उसके कर्म के अनुसार, शनिदेव ही फल प्रदान करते हैं। जब किसी व्यक्ति पर शनि की ढय्या और साढ़ेसाती का प्रभाव होता है, उसे अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
Shani Rashifal 2023:शनिदेव की पूजा से हर तरह की परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है। इसलिए प्रत्येक शनिवार को शनिदेव की पूजा और मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए। शनिदेव की कृपा पाने के लिए नीलम रत्न धारण करना चाहिए।
Shani Rashifal 2023: धर्म ग्रंथों में शनिदेव के परिवार के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया गया है। इसके अनुसार, सूर्य की पत्नी संध्या की छाया से शनिदेव का जन्म हुआ था। यमराज, यमुना, भद्रा और अश्विनी कुमार ये सभी शनिदेव के भाई-बहन हैं।
उज्जैन. हमारे धर्म ग्रंथों में कई रोचक कथाएं बताई गई हैं। इन कथाओं में कई ऐसे पात्रों के बारे में भी बताया गया है जिनका जन्म किसी मनुष्य से नहीं बल्कि पशुओं से हुआ था। पशुओं से जन्म लेने के बाद भी इनमें से कुछ पात्र बहुत पूजनीय माने गए हैं। कुछ के बारे में तो आमजन को पता है, लेकिन कुछ के बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है। आज हम आपको धर्म ग्रंथों में कुछ ऐसे ही पौराणिक पात्रों के बारे में बता रहे हैं, जिनका जन्म पशुओं से हुआ था। आगे जानिए इन पात्रों के बारे में…