Kab hai Tulsi Pujan Diwas 2023: घर में तुलसी का पौधा रखने से पॉजिटिविटी बनी रहती है। धर्म ग्रंथों में भी इस पौधे का विशेष महत्व बताया गया है। तुलसी के महत्व को देखते हुए ही हर साल 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है।
Kab Hai Tulsi Pujan Diwas 2023: हिंदू धर्म ग्रंथों में तुलसी का विशेष महत्व बताया गया है। इसलिए लगभग हर घर में तुलसी का पौधा जरूर होता है। हर साल 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है। इस दिन तुलसी की पूजा विशेष रूप से होती है।
25 दिसंबर सोमवार को अगहन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि रहेगी। इस दिन वर्धमान, सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, शुभ और शुक्ल नाम के 5 शुभ योग रहेंगे। राहुकाल सुबह 08:28 से 09:48 तक रहेगा।
Daily Horoscope 25 December 2023: 25 दिसंबर को रोहिणी नक्षत्र होने से वर्धमान नाम का शुभ योग रहेगा। इसके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, शुभ और शुक्ल नाम के 4 अन्य शुभ योग भी रहेंगे। सोमवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
Chanakya Niti Life Management: आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथों में लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्र बताए हैं। आचार्य चाणक्य ने ये भी बताया है कि कौन-से 4 काम करने के बाद नहानी जरूरी है, ऐसा न करने से बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
Shani Sadesati- dhaiya 2024: शनि की साढ़ेसाती और ढैया का नाम सुनते ही लोगों के मन में भय उत्पन्न हो जाता है। साल 2024 में किस राशि पर शनि की साढ़ेसाती रहेगी और किन राशियों पर ढैया का असर होगा? आगे जानिए इससे बचने के उपाय भी…
kab hai Veer Bal Diwas 2023: सिक्ख धर्म गुरुओं ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए कई बार बलिदान दिया। सिक्खों के अंतिम गुरु गोविंद सिंह के बेटों की याद में हर साल दिसंबर मास में वीर बाल दिवस मनाया जाता है।
Shukra Gochar December 2023: 25 दिसंबर 2023, सोमवार को शुक्र ग्रह तुला से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा। शुक्र ग्रह के इस राशि परिवर्तन का असर सभी राशियों पर होगा, लेकिन 5 राशि वालों का इसका शानदार फायदा मिलेगा।
Who celebrated the first Christmas? हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस फेस्टिवल पूरी दुनिया में बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं क्रिसमस फेस्टिवल सबसे पहले कहां मनाया गया, कैसी हुई इस त्योहार की मनाने की शुरूआत?
Interesting facts of Mahabharata: जब दुर्योधन के कहने पर दु:शासन ने द्रौपदी का चीरहरण किया था, तो भीम ने प्रतिज्ञा ली थी कि वे युद्ध में दु:शासन का छाती का खून पीएंगे। ये प्रतिज्ञा उन्होंने पूरी भी की, लेकिन इससे जुड़े कुछ तथ्य लोगों को पता नहीं है।