सार

मंगलवार को टाटा मोटर्स (Tata Motors) की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार कंपनी अपने पैसेंजर व्‍हीकल की कीमत (Passenger Vehicle Price) में औसतन 0.9 फीसदी का इजाफा करेगी। यह बढ़ोतरी रॉ मटीरियल के महंगा होने से बढ़ी लागत की भरपाई के लिए की गई है।

बिजनेस/ऑटो डेस्‍क। मारुती सुजुकी के बाद टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने पैसेंजर व्‍हीकल की कीमत (Passenger Vehicle Price) में इजाफा करने का फैसला किया है। मंगलवार को कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार कंपनी अपने पैसेंजर व्‍हीकल की कीमत में औसतन 0.9 फीसदी का इजाफा करेगी। यह बढ़ोतरी रॉ मटीरियल के महंगा होने से बढ़ी लागत की भरपाई के लिए की गई है। नई दरें 19 जनवरी से लागू हो जाएंगी। पिछले मारुती सुजुकी ने कारों की कीमत में 4.3 फीसदी का इजाफा किया है।

कितना होगा इजाफा
टाटा मोटर्स घरेलू बाजार में टियागो, पंच और हैरियर जैसे विभिन्न मॉडल का निर्माण कर बिक्री करती है। ऑटो कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि 19 जनवरी 2022 से विभिन्न मॉडलों की कीमत औसतन 0.9 फीसदी का इजाफा किया जाएगा। इसके साथ ही कंपनी ने ग्राहकों की प्रतिक्रिया के आधार पर एक स्‍पेशल एडिशन की कीमत में 10,000 रुपए तक की कटौती की है। टाटा मोटर्स ने कहा कि 18 जनवरी 2022 को या उससे पहले बुक की गई कारों पर कीमतों में बढ़ोतरी का कोई असर नहीं होगा।

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बिक्री के मामले में दूसरे नंबर पर है टाटा मोटर्स की कारें
दिसंबर के महीने की बिक्री के आधार पर टाटा मोटर्स ने हुंडई को बिक्री के मामले में पछाड़ दिया था, जिसके बाद वो देश की दूसरी कंपनी बन गई थी। दिसंबर 2021 में टाटा मोटर्स ने 35,300 कारों की बिक्री की थी। दिसंबर में टाटा मोटर्स की सेल मासिक आधार पर सबसे ज्यादा देखने को मिली। टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही के दौरान 99,002 यूनिट्स बेची थी, जो एक दशक में उसकी अब तक की तिमाही बिक्री की सबसे बड़ी संख्या रही है। कंपनी ने 2021 के कैलेंडर ईयर में 3.31 लाख यूनिट्स की बिक्री की है, जो सालाना आधार पर ऑटो कंपनियों के लिए सबसे ज्यादा सेल रही है।

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मारुति सुजुकी ने भी किया इजाफा
इससे पहले मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने पिछले हफ्ते अपने विभिन्न मॉडलों की कीमतों में तत्काल प्रभाव से 4.3 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की थी। ऑटोमोबाइल कंपनियों का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस्पात, एल्युमीनियम, तांबा, प्लास्टिक और कीमती धातुओं के महंगा होने के कारण उन्हें कीमतों में बढ़ोतरी के लिए मजबूर होना पड़ा है।